कर्नाटक के मुजराई विभाग के अंतर्गत आने वाले मंदिर मैरिज हॉल एक अधिकारी ने दलित जोड़े को मंदिर में शादी करने की अनुमति देने से इंकार कर दिया।
यह मामला चिक्कबल्लापुर शहर के गुडीबांडे कस्बे से सम्बन्धित है। जंहा के स्थानीय निवासी अवुलुकोंडप्पा ने शादी करने के लिए मंदिर के मैनेजमेंट टीम से संपर्क किया जहां उन्हें मंदिर के सचिव मचावलाहल्ली वेंकटरायप्पा ने बताया कि सामुदायिक मैरिज हॉल पहले से ही बुक है।
लेकिन बाद में पाया गया कि उस दिन सामुदायिक मैरिज हॉल की बुकिंग नहीं थी और मंदिर के सचिव ने जानबूझकर दलित जोड़ी को विवाह की अनुमति नहीं दी।
अवुलुकोंडप्पा ने आरोप लगाया है कि सामुदायिक मैरिज हॉल उन्हें किराए पर नहीं दिया गया क्योंकि वह और उनकी पत्नी दलित समुदाय से नाता रखते हैं।
पीड़ित जोड़े ने इस संबंध में गुडीबांडे के तहसीलदार और समाज कल्याण अधिकारी को शिकायत दर्ज कराई है। वही दलित संगठनों ने इसके संबंध में ताल्लुक कार्यालय के समक्ष विरोध प्रदर्शन किया और संबंधित व्यक्ति के खिलाफ कड़ी कार्यवाही करने की मांग की।