पवित्र छड़ी मुबारक बुधवार को चंदनबाड़ी से शेषनाग की ओर रवाना हुई। शेषनाग में रात को विश्राम होगा।
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इसके बाद वीरवार तड़के महंत दीपेंद्र गिरि साधुओं के समूहों के साथ छड़ी मुबारक को लेकर पवित्र गुफा पहुंचेंगे और श्रावण पूर्णिमा के अवसर पर बाबा अमरनाथ की पूजा-अर्चना करेंगे। उसके बाद वार्षिक अमरनाथ यात्रा के आखिरी दर्शन होंगे। बाबा अमरनाथ की गुफा में धार्मिक अनुष्ठान और दर्शनों के पश्चात शाम को छड़ी वापस पहलगाम के लिए रवाना होगी।
इसके उपरांत 12 अगस्त के दिन लिद्दर नदी के किनारे पूजन तथा विसर्जन होगा। इसके साथ ही श्री अमरनाथ यात्रा समाप्त हो जाएगी। वहीं, शेषनाग पहुंचने पर छड़ी मुबारक की पूजा-अर्चना की गई। दशनामी अखाड़े के महंत दीपेंद्र गिरि सहित देशभर से आए साधु-संत जत्थे में शामिल हैं।
इस साल तीन लाख से अधिक लोगों ने पवित्र गुफा में बाबा बर्फानी के दर्शन किए। गोरतलब है कि खराब मौसम के अलावा पिछले महीने बादल फटने से अचानक आई बाढ़ में 12 से अधिक तीर्थयात्रियों की मौत हो गई थी। वार्षिक अमरनाथ यात्रा हालांकि छह से आठ लाख लोगों के शामिल होने की उम्मीद थी, लेकिन यह संख्या तीन लाख से अधिक रही। राहत की बात यह रही कि भारी सुरक्षा व्यवस्था के कारण इस साल तीर्थ यात्रियों पर आतंकवादी हमला नहीं किया।
गौरतलब है कि घाटी में अप्रैल के बाद से आतंकवादियों की ओर से लक्षित हत्याओं की एक श्रृंखला के बाद तीर्थयात्रियों की सुरक्षा को लेकर आशंका जतायी जा रही है। इसकी वजह आतंकवादियों की ओर से घाटी में अल्पसंख्यक हिंदू समुदाय के सदस्यों सहित कई लोगों की हत्या थीं।
‘छरी मुबारक’अंतिम पूजा के लिए कश्मीर के हिमालय में स्थित भगवान शिव के पवित्र गुफा मंदिर में पहुंची, जो गुरुवार को रक्षाबंधन के मौके पर इस साल की श्री अमरनाथ यात्रा के औपचारिक समापन का प्रतीक है। तैंतालीस दिनों तक चलने वाली वार्षिक श्री अमरनाथ यात्रा कोरोना वायरस के कारण दो साल बाद 30 जून से शुरू हुई थी।