1 अप्रैल से नए वित्तीय वर्ष 2022-23 की शुरुआत हो जाएगी। हर साल की तरह इस बार भी नए वित्तीय वर्ष के साथ कुछ नए नियम आपकी जेब पर प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष रूप से असर डालेंगे। कुछ नए नियमों की वजह से आम जनता प्रभावित होंगे तो कुछ नए नियम कारोबारियों की इनकम पर सीधा असर करेंगे। ऐसे में इन नियमों को जानकर परेशानी से बचा जा सकता है। तो आइए जानते हैं नए वित्तीय वर्ष के कौन से नए नियम आपको कर सकते हैं परेशान
पैन-आधार कार्ड लिंक
पैन कार्ड को आधार कार्ड से लिंक कराने की आखिरी तारीख 31 मार्च 2022 है। इनकम टैक्स कानून 1961 के तहत यदि पैन कार्ड को आधार कार्ड से लिंक नहीं कराया जाता तो पैन कार्ड निरस्त हो जाएगा। हालांकि थोड़ी राहत देते हुए केंद्र सरकार ने लोगों को 1 अप्रैल से पहले जुर्माने के साथ पैन कार्ड और आधार कार्ड लिंक कराने का विकल्प दिया है। यदि कोई व्यक्ति 31 मार्च तक आधार कार्ड पैन कार्ड से लिंक नहीं करा पाता है। तो उसे 30 जून तक ₹500 का जुर्माना देना होगा। इसके बाद ₹1000 का भुगतान करना पड़ेगा। और यदि कोई व्यक्ति 31 मार्च 2023 तक पैन कार्ड को आधार कार्ड से लिंक नहीं कराता तो उसका पैन कार्ड निरस्त कर दिया जाएगा।
क्रिप्टोकरंसी पर टैक्स
आम बजट 2022 23 की घोषणा के तहत 1 अप्रैल से सभी वर्चुअल डिजिटल असेट और क्रिप्टोकरंसी पर 30% टैक्स लगाया जाएगा। इस नियम के तहत किसी लेनदेन में हुए फायदे या क्रिप्टोकरंसी पर 30% टैक्स देना होगा।
कुछ बैंकों के नियमों में होगा बदलाव
1 अप्रैल से एक्सिस बैंक बचत खाते के लिए मिनिमम बैलेंस की राशि को 10000 से बढ़ाकर 12000 किया जा रहा है। इसी के साथ निशुल्क निकासी की सीमा चार बार या डेढ़ लाख रुपए तक सीमित कर दी गई है। वहीं दूसरी ओर पंजाब नेशनल बैंक मैं पॉजिटिव पर सिस्टम शुरू किया जाएगा इसके तहत 10 लाख या फिर उससे अधिक राशि के चेक के लिए सत्यापन अनिवार्य हो जाएगा।
डिजिटल होगा म्यूचुअल फंड निवेश
नए नियमों के तहत म्यूचुअल फंड में निवेश करने के लिए बैंक, ड्राफ्ट चेक या फिर अन्य किसी भौतिक माध्यम से लेनदेन नहीं किया जा सकेगा। 1 अप्रैल से म्यूचुअल फंड के निवेश के लिए यूपीआई या फिर नेट बैंकिंग से भुगतान करना होगा।
आइटीसी नियमों में बदलाव
कई बार कारोबारी वर्ग जीएसटी में पंजीकृत होता है लेकिन 6 महीने या फिर साल भर के बाद वह पंजीकरण को सस्पेंड करा देता है। और कुछ फेरबदल करके वहां से गायब हो जाता है। नए पंजीकृत नियमों के तहत जीएसटी पंजीकृत करने से पहले कारोबारी की विश्वसनीयता को परखा जाएगा। इस नए नियम के तहत पंजीकृत किए जाने वाले कारोबारियों को इनपुट टैक्स क्रेडिट मिलने में देरी हो सकती है।