महाराष्ट्र पुणे पुलिस ने कथित अवैध फोन टैपिंग मामले में आईपीएस अधिकारी और पुणे की पूर्व पुलिस प्रमुख रश्मि शुक्ला के खिलाफ एक मामला दर्ज किया है।
रश्मि शुक्ला पर वर्ष 2015 से 2019 के बीच नेताओं की गैर-कानूनी तरीके से कथित फोन टैपिंग का आरोप है। शुक्ला के खिलाफ यह प्राथमिकी तीन-सदस्यीय समिति की रिपोर्ट के आधार पर दर्ज की गई है।
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हैदराबाद में हैं रश्मि शुक्ला
शुक्ला मार्च 2016 से जुलाई 2018 तक पुणे की पुलिस आयुक्त थीं और इस समय प्रतिनियुक्ति पर केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल के अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक पद पर हैदराबाद में तैनात हैं। साल 2021 में महाराष्ट्र विधानमंडल के मॉनसून सत्र के दौरान एक सदस्य के सवाल के जवाब में वर्ष 2015 से वर्ष 2019 के बीच नेताओं के फोन की कथित गैर-कानूनी टैपिंग के आरोपों की जांच के लिए तत्कालीन डीजीपी संजय पांडेय की अध्यक्षता में समिति बनाई गई थी।
महाराष्ट्र कैडर की आईपीएस अधिकारी और सीआरपीएफ में अडिशनल डीजी रश्मि शुक्ला पर अवैध फोन टैपिंग मामले में पुणे में एफआईआर दर्ज की गई है। उन पर कांग्रेस नेता नाना पटोले के फोन टैप करने का आरोप लगाया गया है। फोन टैपिंग मामले से जुड़ी एक एफआईआर पिछले साल बीकेसी में भी दर्ज हुई थी। उस एफआईआर में हालांकि रश्मि शुक्ला का नाम नहीं था, अज्ञात व्यक्तियों का नाम लिखा था, लेकिन मुंबई साइबर पुलिस स्टेशन ने रश्मि शुक्ला से पूछताछ की थी।
पुणे पुलिस के अनुसार, रश्मि शुक्ला पर प्राथमिकी दर्ज की गई है। कुछ महीने पहले नाना पटोले ने आरोप लगाया था कि उनका फोन 2016-2017 के दौरान इस बहाने टैप किया गया था कि यह नंबर ड्रग तस्करी में शामिल किसी अमजद खान का है। पटोले के अनुसार, उस दौरान वह सांसद थे और उनके फोन टैप करने का कोई कारण नहीं था। यह उनके राजनीतिक करियर को नष्ट करने का प्रयास था।
FIR registered against Former Pune CP Rashmi Shukla on the basis of inquiry report. During her tenure, she tapped phones of some political leaders on the pretext that the politicians were linked with the drugs business: Maharashtra Home Minister Dilip Walse Patil pic.twitter.com/l218WpJzjk
— ANI (@ANI) February 26, 2022
फोन टैपिंग में यूज किए गए कोडनेम
पटोले ने तब यह भी आरोप लगाया था कि उनकी जानकारी में एक केंद्रीय मंत्री के पीए, एक पूर्व सांसद व कुछ अन्य लोगों के भी फोन टैप किए गए थे। तीन पन्नों की प्राथमिकी के अनुसार शुक्ला ने पटोले, तत्कालीन भाजपा विधायक आशीष देशमुख, निर्दलीय विधायक बच्चू कडू और निर्दलीय राज्यसभा सदस्य संजय काकड़े के फोन टैप करते समय कोडनेम का इस्तेमाल किया था।
ये रहे कोडनेम नाम
पटोले के नंबर का कोडनेम ‘अमजद खान’, काकड़े को ‘तरबेज सुतार’ और ‘अभिजीत नायर’, आशीष देशमुख को ‘रघु चोरगे’ और ‘हिना महेश सालुंके’, वहीं बच्चू कडू का नाम ‘निजामुद्दीन शेख’ रखा गया था।
She falsely took the permission which is against the Indian Telegraph Act. She tapped phones of leaders like Nana Patole, Bachchu Kadu, Sanjay Kakade and Ashish Deshmukh: Maharashtra Home Minister Dilip Walse Patil pic.twitter.com/5Cx9Pia1sB
— ANI (@ANI) February 26, 2022
रिपोर्ट में ये आया सामने
हाल में समिति ने अपनी रिपोर्ट पेश की, जिसमें कहा गया है कि पुणे में पुलिस आयुक्त रहने के दौरान रश्मि शुक्ला ने गैर-कानूनी तरीके से फोन टैप किए, इसलिए उनके और अन्य के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है। प्राथमिकी ऐसे समय में आई है जब केंद्रीय एजेंसियों ने एमवीए सदस्यों के खिलाफ कार्रवाई शुरू की है।