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इंडिया गेट पर जलने वाली अमर ज्योति का अब होगा नया पता, जानें अमर जवान ज्योति का क्या इतिहास

अमर ज्योति इंडिया गेट पर जलने वाली अमर ज्योति का अब होगा नया पता, जानें अमर जवान ज्योति का क्या इतिहास

देश के नाम अपना सर्वोच्च बलिदान देने वाले अमर जवानों की याद में इंडिया गेट पर जल रही अमर जवान ज्योति का आज राष्ट्रीय युद्ध स्मारक पर जल रही लौ के साथ विलय होगा। रक्षा मंत्रालय के आधिकारिक बयान के मुताबिक ‘शुक्रवार यानी आज दोपहर इंडिया गेट पर जल रही अमर जवान ज्योति का एक हिस्सा नेशनल वॉर मेमोरियल ले जाया जाएगा। और करीब 3:30 बजे इन दोनों लौ का विलय समारोह होगा। इन दोनों स्मारकों के बीच की दूरी मुश्किल से आधा किलोमीटर है।

साल 2019 में बना था नेशनल वॉर मेमोरियल

करीब 3 साल पहले 25 फरवरी 2019 को देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा नेशनल वॉर मेमोरियल का उद्घाटन किया गया था। जहां 25 हजार 942 वीर जवानों का नाम स्वर्ण अक्षरों में लिखा गया है। 

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अमर जवान ज्योति: कब और कहां आखिर क्यों जलाई गई?
  • अमर जवान ज्योति दिल्ली की सबसे मशहूर जगह में से एक है। जो सेंट्रल दिल्ली के इंडिया गेट के नीचे स्थित है। हालांकि इंडिया गेट का निर्माण अंग्रेजों द्वारा 84000 सैनिकों की याद में 1921 में बनवाया गया था। जो सैनिक पहले विश्व युद्ध के बाद शहीद हुए थे।
  • भारत-पाकिस्तान युद्ध 3 दिसंबर से 16 दिसंबर 1971 तक चला। जिसमें भारत के निर्णायक जीत और बांग्लादेश अस्तित्व में आया। इस पूरे अभियान में भारत के कई वीर जवानों को अपनी जान की आहुति देनी पड़ी।
  • 1971 में युद्ध समाप्त होने के बाद 3843 शहीद वीर जवानों की याद में अमर ज्योति जलाने का फैसला लिया गया। जगह के रूप में इंडिया गेट को चुना गया। तात्कालिक प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने 26 जनवरी 1972 यानी भारत के देश में गणतंत्र दिवस के मौके पर अमर जवान ज्योति का इंडिया गेट में उद्घाटन किया। 

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निस्वार्थ देश को समर्पित, बहादुर वीर जवानों का प्रतीक अमर जवान ज्योति
  • इंडिया गेट पर स्थापित अमर जवान ज्योति एक काले मार्बल का फलक है। जिसके चारों तरफ अमर जवान लिखा हुआ है। इस इस काले फलक के ऊपर L1A1 सेल्फ लोडिंग राइफल रखी गई है और उसके ऊपर एक सैनिक का हेलमेट है। जो किसी मुकुट की तरह स्थापित है। 
  • पलक के चारों तरफ कलश रखे हुए हैं जिनमें से एक ज्योति 1971 से चल रही है। वही गणतंत्र दिवस स्वतंत्रता दिवस पर चारों कलश में ज्योति जलाई जाती है। 
  • 1971 से 2006 तक इस ज्योति को जलाने के लिए एलपीजी का इस्तेमाल होता था। लेकिन इसके बाद सीएनजी का इस्तेमाल होने लगा है। 

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नेशनल वॉर मेमोरियल के अमर चक्र में भी होगी अमर ज्योति

नेशनल वॉर मेमोरियल के अमर चक्र में भी अब अमर जवान ज्योति प्रज्वलित की जाएगी। इसके लिए इंडिया गेट पर जल रही अमर जवान ज्योति की एक लौ हो नेशनल वॉर मेमोरियल के अमर चक्र का जवान ज्योति में विलय किया जाएगा। इसी के साथ गणतंत्र दिवस से पहले शहीदों की श्रद्धांजलि के लिए होने वाली परेड भी अब यहां शिफ्ट की जा रही है। इसके अतिरिक्त अहम अवसरों पर सेना के वरिष्ठ अधिकारी भी अब यही माल्यार्पण करेंगे।

 

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