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75वां स्वतंत्रता दिवस: प्रधानमंत्री फहराते हैं लाल किले पर तिरंगा, 21 तोपों की दी जाती है सलामी, जानें, स्वतंत्रता दिवस का महत्व

देश इस बार 75वां स्वतंत्रता दिवस मनाने जा रहा है। हमारे देश को अंग्रेजों की गुलामी से आजादी मिले पूरे 75 साल हो चुके हैं। इन 75 सालों में भारत कई क्षेत्रों में ऊंचा मुकाम हासिल कर चुका है। दुनिया में अपनी एक अलग पहचान बना चुका है।

आजादी का 75वां जश्न आज, पूरे देश में धूम

देश इस बार 75वां स्वतंत्रता दिवस मनाने जा रहा है। हमारे देश को अंग्रेजों की गुलामी से आजादी मिले पूरे 75 साल हो चुके हैं। इन 75 सालों में भारत कई क्षेत्रों में ऊंचा मुकाम हासिल कर चुका है। दुनिया में अपनी एक अलग पहचान बना चुका है। आज हर क्षेत्र में भारत का नाम गूंज रहा है। टेक्नोलॉजी हो या खेल का मैदान हर फील्ड में भारत अपनी अलग पहचान बना रहा है। महात्मा गांधी समेत अनेकों स्वाधीनता सेनानियों के अथक प्रयासों के बाद देश ने आजादी की सुबह देखी और पहली बार इस दिन देश के पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू ने लाल किले पर तिरंगा फहराया था। तब से लेकर आज तक इस रिवाज का बरकरार रखा गया है। देश के प्रधानमंत्री हर साल लाल किले पर तिरंगा फहराते हैं और लोगों को स्वतंत्रता दिवस के महत्व के बारे में भाषण दिए जाते हैं।

पंडित जवाहर लाल नेहरू ने फहराया था पहली बार तिरंगा

15 अगस्त 1947 पहली बार स्वतंत्रता दिवस मनाया गया। आजादी की घोषणा के साथ देशवासियों को सबसे पहले पंडित नेहरु ने संबोधित किया था और उनके इस ऐतिहासिक भाषण को ‘A tryst with destiny’ नाम दिया गया। पंडित जवाहर लाल नेहरू को ही अब तक सबसे ज्यादा बार लालकिले पर झंडा फहराने का सौभाग्य प्राप्त हुआ है। जवाहरलाल नेहरू आजाद भारत के पहले प्रधानमंत्री थे। लाल किले की प्राचीर से सबसे ज्यादा बार तिरंगा झंडा लहराने का अवसर उन्हें ही मिला था। नेहरू 1947 से लेकर 1964 तक भारत के प्रधानमंत्री रहे। इस दौरान उन्होंने स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर लाल किले पर रिकॉर्ड 17 बार ध्वजारोहण किया।

स्वतंत्रता सेनानियों को दी जाती है 21 तोपों की सलामी

5 अगस्त वर्ष 1947 को भारत के इतिहास को स्वर्ण अक्षरों में लिखा गया। इसी दिन देश के आजाद होने पर भारत के प्रथम प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू ने लाल किले पर झंडा फहराया था। हर साल देश के प्रधानमंत्री लाल लिखे पर झंडा फहराते है, राष्ट्रगान गाते है और सभी शहीद स्वतंत्रता सेनानियों को 21 तोपों से श्रद्धांजलि दी जाती है। देश के प्रधानमंत्री हर साल देशवासियों को अपने भाषण के द्वारा सम्बोधित करते है और सेना द्वारा अपना शक्ति प्रदर्शन और परेड मार्च करते हैं।

स्वतंत्रता दिवस का महत्व

स्वतंत्रता दिवस केवल एक दिन विशेष नहीं बल्कि, देश के उन असंख्य स्वतंत्रता सेनानियों के प्रति हमारे सम्मान को प्रदर्शित करने का जरिया भी है जिन्होंने देश को आजाद कराने के लिए अपना सर्वस्व त्याग दिया था. आज का दिन राष्ट्र के प्रति अपनी एकजुटता और निष्ठा दिखने का दिन भी है. साथ ही ये पावन अवसर युवा पीढ़ी को राष्ट्र की सेवा के लिए प्रेरित करता है। राष्ट्र के प्रति अपने कर्तव्यों को समझने और देशभक्ति का महत्व समझने के लिए ये स्वतंत्रता दिवस हमारे लिए बेहद महत्वपूर्ण है।

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