भारत को आजाद हुए पूरे 75 साल हो चुके हैं। इस देश को आजाद कराने में कितने ही वीरों ने अपने खून बहाया है। ये दिन आजाद होकर खुशी मनाने का तो दिन है ही साथ ही उन वीर सपूतों के बलिदान को भी याद करने का दिन है।
इसका पूरा श्रेय स्वंतत्रता सेनानियों को ही जाता है। जिन्होंने दिन-रात एक कर इसके लिए लड़ाई लड़ी। कई तरह की यातनाएं सहीं। तो उनके प्रति सम्मान और कृतज्ञता के दृष्टि से ये दिन बहुत महत्व रखता है। इसके साथ ही देश के प्रति अपने कर्तव्यों और देशभक्ति का महत्व समझने के लिए भी स्वतंत्रता दिवस हम सबके लिए बहुत मायने रखता है।
आजादी के समय भारत के पास नहीं था अपना राष्ट्रगान
आपको बता दें कि भारत 15 अगस्त को आजाद जरूर हो गया। लेकिन उसका अपना कोई राष्ट्र गान नहीं था। हालांकि रवींद्रनाथ टैगोर ने जन-गण-मन 1911 में ही लिख लिया था। लेकिन यह राष्ट्रगान 1950 में ही बन पाया था। जो देश के लिए गौरव की बात थी। जिसके बाद भारत और हमारे राष्ट्रगान की अलग ही पहचान बनी।
आजादी के समय भारत में थी 562 रियासत
भारत की आजादी के समय 562 रियासतों को एक-एक कर भारत में विलय करवाया गया। कई रियासतों ने आसानी से भारत के साथ आने का फैसला किया वहीं कुछ के लिए सरदार पटेल और वीपी मेनन को कुछ विशेष प्रयास करने पड़े थे। जूनागढ़ और हैदराबाद के निजाम ने देश के साथ आने से मना कर दिया था । जूनागढ़ में जनता ने विद्रोह कर दिया था वहीं हैदराबाद के निजाम को लगातार मनाने के बाद भी जब वो नहीं माना तो सरदार पटेल ने वहा सेना भेजने का निर्णय लिया था।
आजादी के वक्त देश में थे 17 राज्य
आजादी के समय भारत में 17 राज्य थे. भारत सरकार ने स्वतंत्रता के बाद अंग्रेज़ी राज के दिनों के ‘राज्यों’ को भाषा के आधार पर करने के लिये राज्य पुनर्गठन आयोग की स्थापना की थी। जस्टिस फजल अली की अध्यक्षता में 22 दिसम्बर, 1953 को पहले राज्य पुनर्गठन आयोग का गठन हुआ।
1961 में भारत में शामिल हुआ गोवा
भारतीय स्वतंत्रता के बारे में एक और दिलचस्प तथ्य यह है कि भारत की स्वतंत्रता के बाद, पुर्तगाल ने अपने संविधान में संशोधन किया और गोवा को एक पुर्तगाली राज्य के रूप में घोषित किया। भारतीय सैनिकों 19 दिसम्बर 1961 को गोवा पर हमला किया और इसे भारत में मिला दिया था।
नीतीश पर लालू के विधायक का तंज, कोई ऐसा सगा नहीं जिसको नीतीश ने ठगा नहीं