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डोनाल्ड को भी छोड़ना पड़ सकता है निक्सन की तरह राष्ट्रपति पद

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नई दिल्ली। राष्ट्रपति पद संभालने से लेकर अब तक डोनाल्ड की मुसीबतें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं। पिछले साल हुए राष्ट्रपति चुनाव में किसी को इस बात का यकीन नहीं था कि वो हिलेरी क्लिंटन के सामने जीत पाएंगे। लेकिन उसके बाद भी डोनाल्ड ने सभी अटकलों और सबको चौकाते हुए चुनाव जीतच लिया। राष्ट्रपति पद मिलने के साथ-साथ ट्रंप को एक विवाद भी मानों तोहफे में मिला है। जो उनके लिए अब तक मुसीबत का सबब बना हुआ है।

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ट्रंप की जीत के पिछे है रूस की हैकिंग

डोनाल्ड ट्रंप का बिजनेस दुनिया के कई देशों में फैला हुआ है। उनके रूसी राष्ट्रपति ब्लादिमीर पुतिन से भी अच्छे संबंध रहे हैं। इसी के चलते आरोप है कि रूस ने अपने पसंदीदा उम्मीदवार डोनाल्ड ट्रंप को राष्ट्रपति चुनाव में जीत दिलाने के लिए भरपूर मदद की। पुतिन और हिलेरी क्लिंटन के खराब रिश्तों के कारण भी इस आशंका को बल मिला। ट्रंप की टीम पर आरोप है कि राष्ट्रपति चुनाव के दौरान वह रूस के संपर्क में बने हुए थे। हालांकि रूस और डोनाल्ड ट्रंप दोनों ही इस तरह के आरोपों को कई बार खारिज कर चुके हैं।

पार्टी के अंदर ही बिगड़ा ता ट्रंप के लिए माहौल

कोमी को उनके पद से हटाए जाने के बाद कुछ दस्तावेज सामने आए, जिनसे पता चला कि ट्रंप ने कोमी से तत्कालीन राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार माइकल फ्लिन के खिलाफ जांच बंद करने को कहा था। ज्ञात हो कि फ्लिन रूसी अफसरों से संबंधों को लेकर जांच के घेरे में थे और उन्हें अपने पद से इस्तीफा तक देना पड़ा था। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक रिब्लिकन नेता जस्टिन अमैश भी कहते हैं कि अगर यह रिपोर्ट सही पाई कि ट्रंप ने कोमी पर दबाव डाला था तो उन पर महाभियोग चल सकता है। रिब्लिकन सीनेटर जॉन मैक्केन भी ट्रंप के खिलाफ दिख रहे हैं। रिपब्लिकन सीनेटर कोलिंस ने गोपनीय सूचना लीक होने को परेशानी का सबब माना है।

बाजार का संकट बना ट्रंप की मुसीबत

डोनाल्ड ट्रंप का संकट उन्हें ही नहीं बल्कि पूरी दुनिया को परेशान कर रहा है। ट्रंप पर छाए संकट के बादल अब बाजार को भी अपनी जद में ले रहे हैं। अमेरिकी राष्ट्रपति के खिलाफ महाभियोग चले या न चले, ऐसी खबर से विदेशी बाजारों में कमजोरी देखी गई। इसी दबाव में निवेशकों ने शेयरों की बिकवाली की और सेंसेक्स 224 प्वाइंट लुढ़क गया। ट्रंप पर महाभियोग चलने की आशंका के चलते ही बुधवार को अमेरिकी शेयर बाजार में पिछले आठ महीने की सबसे बड़ी गिरावट दर्ज की गई है।

महाभियोग के बाद राष्ट्रपति पद से हटेंगे ट्रंप?

एफबीआई निदेशक जेम्स कोमी को उनके पद से हटाकर जैसे ट्रंप ने खुद के लिए मुसीबत ही मोल ले ली है। उनके खिलाफ कांग्रेस में महाभियोग का प्रस्ताव लाया जा सकता है। हालांकि ट्रंप के लिए चिंता की बात इसलिए नहीं है, क्योंकि दोनों सदनों में रिपब्लिकन को बहुमत हासिल है। लेकिन जिस तरह से उनकी ही पार्टी की सीनेटर उनके खिलाफ दिख रहे हैं, इससे उनकी मुसीबतें बढ़ती दिख रही हैं। पूर्व राजनयिक विवेक काटजू का कहना है कि महाभियोग चलाए जाने की बात कहना अभी बहुत जल्दबाजी होगी। अभी तो एक स्पेशल काउंसिल नियुक्त किया गया है और वह इस पूरे मामले को देखेगा।

जनता को नहीं है ट्रंप पर भरोसा

जिस अमेरिकी जनता ने डोनाल्ड ट्रंप को राष्ट्रपति बनाया वही जनता उनसे नाराज दिख रही है। ट्रंप के राष्ट्रपति चुने जाने के बाद उनके खिलाफ कई मुकदमे दर्ज किए गए। 20 जनवरी को शपथ लेने के बाद अगले करीब 15 दिन में उनके खिलाफ 17 राज्यों में 52 केस दर्ज हुए थे। बता दें कि बराक ओबामा के राष्ट्रपति बनने के दो हफ्तों के अंदर तीन, जबकि जॉर्ज डब्ल्यू बुश और बिल क्लिंटन के खिलाफ 4-4 मामले दर्ज हुए थे।

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