लखनऊ: उत्तर प्रदेश की 5 सहकारी चीनी मिल को राष्ट्रीय दक्षता पुरस्कार से सम्मानित किया जायेगा। बेहतर परिणाम देने के चलते इन मिलों का चयन किया गया है। सभी को दिल्ली में ही एक कार्यक्रम के माध्यम से सम्मानित किए जाने की योजना है।
देश की 161 मिलों में चुनी गई यूपी की 5
प्रदेश में कुल 24 सहकारी चीनी मिलें हैं, इनमें से उत्तम प्रदर्शन करने वाली चीनी मिलों को यह सम्मान दिया जा रहा है। इसमें मेरठ मंडल की भी रमाला चीनी मिल शामिल है, इसको सबसे ज्यादा उत्पादन करने के चलते चयनित किया गया है। सत्र 2019-20 में ही अकेले इसी मिल से 83 लाख कुंटल गन्ने की पेराई हुई थी।
रमाला सहकारी चीनी मिल की क्षमता बढ़ाने का आदेश मुख्यमंत्री योगी के द्वारा दिया गया था। इसके बाद पहले ही सत्र में यहां का उत्पादन काफी सराहनीय रहा, इसी को देखते हुए राष्ट्रीय सहकारी शक्कर कारखाना संघ की तरफ से इन मिलों को सम्मान दिया जा रहा है।
इन पांच मिलों को मिल रहा सम्मान
प्रदेश की कुल 24 सहकारी चीनी मिल में से 5 को राष्ट्रीय दक्षता पुरस्कार के लिए चुना गया है। जिनमें रमाला चीनी मिल (बागपत), पुवायां सहकारी चीनी मिल और तिलहर मिल (शाहजहांपुर), सठियांव (आजमगढ़) और स्नेहरोड चीनी मिल (बिजनौर) शामिल हैं। इन सभी को अलग-अलग क्षेत्रों में बेहतर प्रदर्शन के चलते राष्ट्रीय दक्षता पुरस्कार के लिए भेजा रहा है।
उत्तर प्रदेश में गन्ना उत्पादन अच्छी मात्रा में होता है, इसकी सही पेराई के बाद दानेदार चीनी बाजार में उपलब्ध होती है। इसके अलावा गुड़ भी मुख्य उत्पाद होता है, चीनी मिलों को सम्मानित करके उनके मनोबल को बढ़ाने का प्रयास होता है। राज्य में शुद्ध उत्पादन होने से मिल ही नहीं, प्रदेश की भी आर्थिक स्थिति और अच्छी होती है। गन्ना उत्पादन को और बढ़ावा देकर सरकार किसानों की स्थिति को भी सुधारने की कोशिश कर रही है।