featured देश धर्म भारत खबर विशेष यूपी वायरल

राधा और श्री कृष्ण के प्रेम से शुरू हुई होली में गुलाल की परंपरा, जानिए मथुरा की होली क्यों है विश्व प्रसिद्ध

m1 1583821252 राधा और श्री कृष्ण के प्रेम से शुरू हुई होली में गुलाल की परंपरा, जानिए मथुरा की होली क्यों है विश्व प्रसिद्ध

वैसे तो प्रेम और उमंग के सबसे बड़े त्यौहार होली से हर कोई भलि भाँति परिचित है। इस रंगों के त्यौहार की तो बात ही निराली है हर कोई अपनी धुन में मगन रहता है ।

यह भी पढ़े

चारा घोटाला मामले में लालू यादव को 5 साल की सजा, 60 लाख रुपये का जुर्माना

इस दिन सभी लोग एक दूसरे से गीले शिकवे मिटाकर होली के त्यौहार का आनंद लेते है और एक दूसरे को रंगो में सराबोर कर देते है।

40695 holi 130314 ra5 राधा और श्री कृष्ण के प्रेम से शुरू हुई होली में गुलाल की परंपरा, जानिए मथुरा की होली क्यों है विश्व प्रसिद्ध

अब अगर बात होली की हो और श्री कृष्णा की नगरी मथुरा का नाम न आये ऐसा कैसे हो सकता है । मथुरा में तो होली का सबसे अलग अंदाज देखने को मिलता है। यहां पर होली की शुरुवात बहुत पहले यानि बसंत पंचमी के दिन से ही होने लगती है । ऐसा मानना है कि जिसने भी एक बार श्री कृष्णा के सानिध्य में होली खेल ली वह बार बार मथुरा में होली मनाने को आतुर रहता है।

521278 2 राधा और श्री कृष्ण के प्रेम से शुरू हुई होली में गुलाल की परंपरा, जानिए मथुरा की होली क्यों है विश्व प्रसिद्ध

बात रंगों की चले और श्री कृष्ण जी का नाम ना लिया जाए ,तो बात अधूरी समझिये। क्योंकि भगवान कृष्ण का जीवन हर रंग से भरा हुआ है । जैसे उनका साँवला वदन और श्वेत निर्मल मन, उनका रंगीन मोरपंख आदि ।

राधा और श्री कृष्ण के प्रेम से शुरू हुई परंपरा

Mathura1 राधा और श्री कृष्ण के प्रेम से शुरू हुई होली में गुलाल की परंपरा, जानिए मथुरा की होली क्यों है विश्व प्रसिद्ध

मान्यताओं के अनुसार श्री कृष्ण रंग का सावला और राधा का रंग गोरा होने के कारण वह अपनी मां से लगातार शिकायत करते रहते थे। श्री कृष्ण अपनी माता से कहते थे कि मां मैं इतना काला हूं और राधा कितनी गोरी है यह सुनकर माता यशोधा हसंती थी। जिसके बाद उन्होंने श्रीकृष्ण को सुझाव देते हुए कहा कि वह राधा को जिस रंग में देखना चाहते है उसके मुंह पर वही रंग लगा दें। जिसके बाद श्री कृष्ण अपने दोस्तों के साथ राधा और उनकी सहेलियों पर रंग लगाने लगे। जिसे देख हर कोई पंसद करने लगा। उसके बाद से ही होली में रंगो को गुलाल खेलने की प्रक्रिया शुरू हुई। जिसे होली का नाम दिया गया।

होली का इतिहास

31639771598 36c08d5eb4 b राधा और श्री कृष्ण के प्रेम से शुरू हुई होली में गुलाल की परंपरा, जानिए मथुरा की होली क्यों है विश्व प्रसिद्ध

सबसे पहले होली की शुरुवात श्री कृष्णा नगरी मथुरा और उनके धाम वृंन्दावन से होती है और इसकी शुरुवात फरवरी यानि बसन्त पंचमी के दिन से होती है । यहां 45 दिन तक यह उत्सव उमंग और उत्साह के साथ मनाया जाता है। इस उत्सव के पहले दिन श्री बांकेबिहारी अपने भक्तों के साथ होली खलते है । ठाकुर जी को गुलाल लगाते हुए भक्तों पर भी उसे उड़ाया जाता है। केशर मिश्रित सूजी का हलुआ का प्रसाद और ठाकुर जी को पीली रंग की पोशाक पहनाई जाती है।

holi anshuman nandi राधा और श्री कृष्ण के प्रेम से शुरू हुई होली में गुलाल की परंपरा, जानिए मथुरा की होली क्यों है विश्व प्रसिद्ध

यहाँ की होली सबसे अनोखी होती है। यहाँ पर रंग गुलाल के आलावा और भी तरीको से होली मनाई जाती है। जैसे लड्डू होली लट्ठमार होली और भी भिन्न भिन्न तरह मनाई जाती है । लड्डू होली में सबसे पहले लड्डू का भोग श्री राधा रानी और श्री कृष्णा को लगया जाता है । उसके बाद सभी भक्तो में लड्डू का प्रसाद लुटाया जाता है । यहाँ की लट्ठमार होली सबसे ज्सादा प्रसिद्ध और विचित्र है। इस होली में महिलाये पुरषों पर लाठी डंडे से वार करती है और पुरुष सिर पर ढाल रखकर इसका बचाव करते है

holi in banke bihari mandir 1583515505 राधा और श्री कृष्ण के प्रेम से शुरू हुई होली में गुलाल की परंपरा, जानिए मथुरा की होली क्यों है विश्व प्रसिद्ध
वृंदावन से यानी श्री बाँके बिहारी जी मंदिर से जहाँ कृष्ण कन्हैया सबसे पहले अपने भक्तों के संग होली खेलते है । चूँकि कान्हा ने मथुरा में जन्म लिया और वृंदावन में अपनी अदभुत लीलाएँ की हैं । इसलिए इन दोनो जगह होली खास महत्व रखती है। अदबुध नजारा होता है जब प्रभु श्री कृष्णा अपने रंग में सभी भक्तो को रंग देते है । पूरा वातावरण सकारात्मकता प्रेम, हर्ष,व् उल्लास से भर जाता है और सिर्फ एक ही जयघोष सुनाई पड़ता है जय जय श्री राधे ।

holi spiritual राधा और श्री कृष्ण के प्रेम से शुरू हुई होली में गुलाल की परंपरा, जानिए मथुरा की होली क्यों है विश्व प्रसिद्ध
यहां होने वाली विधवा होली सबसे अलग ही हटकर है। जो पूरी दुनिया की सोच को बदलने का काम करती ये होली उन लोगों के लिए वरदान की तरह जो लोग समाज से तृस्कृत है और लोग इनको अलग दृस्टि से देखते है विधवा होली की शुरुवात 2016 से हुई उन चेहरों पे भी खुशी और उत्साह देखने को मिलता है जो लोग अपने जीवन से हताश और परेशान है । साल का यह एक दिन सभी विधवाओं के लिए बहुत खास होता है ।

m1 1583821252 राधा और श्री कृष्ण के प्रेम से शुरू हुई होली में गुलाल की परंपरा, जानिए मथुरा की होली क्यों है विश्व प्रसिद्ध
यह उत्सव होली के पाचवें दिन मनाया जाता है । इस त्यौहार को होली का आखरी उत्सव के रूप में भी मनाया जाता है। 45 दिनों तक चलने वाला होली का त्यौहार रंग पंचमी दिन समाप्त होता है। पहले के समय में होली का त्योहार कई दिनों तक मनाया जाता था और रंगपंचमी होली का अंतिम दिन होता था और उसके बाद कोई रंग नहीं खेलता था। ये परंपरा भारत की कई जगहों पर अब भी बरकरार है।

Related posts

लक्ष्य की प्राप्ति में यह मंत्र होगा सहायक, जानें क्या होगा लाभ 

Aditya Gupta

UP: फीस जमा न होने पर ऑनलाइन कक्षा या परीक्षा से वंचित नहीं कर सकेंगे स्‍कूल

Shailendra Singh

महाराष्ट्र सरकार ने दिए निर्देश नीरव मोदी और मेहुल चोकसी बंगले तोड़े जाएं

mahesh yadav