हर साल कार्तिक शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि के दिन देव दीपावली पर्व मनाया जाता है। इस दिन विशेष रूप से माता लक्ष्मी और भगवान विष्णु की पूजा की जाती है।
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इस साल यह पर्व 7 नवम्बर के दिन मनाया जाएगा। ऐसा माना जाता है कि देव दीपावली के दिन पूजा-पाठ करने से भक्तों की सभी मनोकामना पूर्ण हो जाती है। शास्त्रों के अनुसार इस दिन देवी-देवता मां गंगा में स्नान करने के लिए धरती लोक पर आते हैं। इसलिए उनके स्वागत के लिए वाराणसी समेत कई घाटों पर लाखों की संख्या में दीप प्रज्वलित किए जाते हैं।
लेकिन इस दिन पूजा-पाठ के दौरान कुछ विशेष नियमों को ध्यान में रखना बहुत आवश्यक माना जाता है। ऐसा इसलिए क्योंकि देव दीपवाली के सन्दर्भ में दिए गए नियमों का पालन करने से भक्तों को विशेष लाभ मिलता है और उन पर माता लक्ष्मी की कृपा सदैव बनी रहती है।
देव दीपावली के दिन ना करें ये काम
कार्तिक शुक्लपक्ष की पूर्णिमा तिथि के दिन भक्तों को तामसिक भोजन से बचना चाहिए। साथ ही इस दिन किसी भी हाल में मदिरा और मांस का सेवन नहीं करना चाहिए।
देव दीपावली के दिन धन से सम्बन्धित लेन-देन नहीं करना चाहिए। इस बात का ध्यान रखें कि इस दिन आप न तो किसी को पैसा दें और ना उनसे कर्ज के रूप में पैसा लें।
देव दीपावली के दिन नाखून और बाल काटना वर्जित है। साथ ही इस दिन देर तक भी सोना अशुभ माना जाता है। इस नियम का पालन करने से मां लक्ष्मी नाराज हो सकती हैं।
देव दीपावली पर इस बात का विशेष ध्यान रखें कि घर में हर तरफ स्वच्छता अवश्य हो। यहां तक किसी भी कोने में मकड़ी का जाला तक ना हो। ऐसा करने से माता लक्ष्मी का आशीर्वाद भक्तों पर सदैब बना रहता है। अन्यथा वह नाराज होकर घर से लौट जाती हैं।
इस विशेष अवसर पर इस बात का भी विशेष ध्यान रखें कि घर में किसी भी प्रकार का झगड़ा या वाद-विवाद न उत्पन्न हो। पूरे दिन मधुर व्यवहार रखें और जरूरतमंद लोगों को दान में अन्न-धन प्रदान करें।
मान्यता है कि इन नियमों का पालन करने से माता लक्ष्मी और भगवान विष्णु अपने भक्तों से प्रसन्न होते हैं और उनपर सदैव अपना आशीर्वाद बनाए रखते हैं।