अफगान पर तालिबान के कब्जे के बाद रोजाना नई खबरें सामने आ रही है। एक तरफ जहां वहां के लोग अफगान छोड़ने को मजबूर हो रहें हैं। तो वहीं दूसरी तरफ उपराष्ट्रपति अमरुल्ला सालेह ने नया ऐलान कर दिया है।
अमरुल्ला सालेह ने खुद को राष्ट्रपति किया घोषित
अफगानिस्तान के पहले उपराष्ट्रपति अमरुल्ला सालेह ने खुद को कार्यवाहक राष्ट्रपति घोषित किया है। अमरुल्ला सालेह तालिबान के मुखर विरोधी के रूप में जाने जाते हैं। 15 अगस्त को अफगानिस्तान पर तालिबान ने कब्जा कर लिया। काबुल पर कब्जे के साथ ही राष्ट्रपति अशरफ़ गनी देश छोड़कर भाग गए। 17 अगस्त को अमरुल्ला सालेह ने कहा कि वही देश के कार्यवाहक राष्ट्रपति हैं। अफ़ग़ानिस्तान के संविधान के अनुसार, राष्ट्रपति की ग़ैरमौजूदगी, चले जाने, इस्तीफ़े या मृत्यु की सूरत में उपराष्ट्रपति कार्यवाहक राष्ट्रपति की जिम्मेदारी निभाएंगे।
Clarity: As per d constitution of Afg, in absence, escape, resignation or death of the President the FVP becomes the caretaker President. I am currently inside my country & am the legitimate care taker President. Am reaching out to all leaders to secure their support & consensus.
— Amrullah Saleh (@AmrullahSaleh2) August 17, 2021
फिर से तालिबान को हराएंगे !
अमरुल्लाह सालेह उन अफ़ग़ान नेताओं में से एक हैं जो लगातार तालिबान के खिलाफ आंदोलन करते आए हैं। अफगानिस्तान का पंजशीर प्रांत तालिबान के ख़िलाफ़ विरोध के लिए जाना जाता है। ये काबुल से लगभग तीन घंटे की दूरी पर है। साल 1996 से 2001 तक के तालिबान के शासन के दौरान भी ये प्रांत उनके नियंत्रण में नहीं था। तब नॉर्दर्न एलायंस ने तालिबान का मुक़ाबला किया था। अमरुल्लाह सालेह उसी पंजशीर प्रांत से आते हैं।
नहीं झुकेंगे तालिबान के आगे
उन्होंने कहा है कि वे कभी भी और किसी भी परिस्थिति में तालिबान के आतंकवादियों के सामने नहीं झुकेंगे। अपने नायक अहमद शाह मसूद की आत्मा और विरासत के साथ कभी विश्वासघात नहीं करेंगे। सालेह ने कहा है कि वो तालिबान के साथ कभी भी नहीं रहेंगे।