अफीम का व्यापार एक ऐसा व्यापार जिसमें कई गुना फायदा होता है। लेकिन अब कई देशों में सरकार द्वारा अफीम पर रोक लगाई जा रही है।
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तालिबान ने किया दावा
तालिबान का दावा किया है कि उसने अफ़ग़ानिस्तान में अपने पिछले शासन के दौरान अफ़ीम की खेती पर पूरी तरह पाबंदी लगा दी थी । जिसके चलते ग़ैर-क़ानूनी ड्रग्स का कारोबार थम गया था। हालांकि 2001 में अफ़ग़ानिस्तान में अफ़ीम के उत्पादन में कमी ज़रूर देखी गई थी। जिससे उनके दावे में कहीं ना कहीं सच्चाई जरूर नज़र आ रही है।
फिर बढ़ा अफीम का व्यापार
अब सालों बाद एक रिपोर्ट के अनुसार यह देखने को मिल रहा है कि तालिबान नियंत्रित इलाकों में अफ़ीम की खेती बढ़ती गई है। अफ़ीम को इस तरह से परिष्कृत किया जाता है कि उससे काफ़ी अधिक नशा देने वाले हेरोइन जैसे ड्रग्स तैयार होते हैं। यूनाइटेड नेशंस ऑफ़िस ऑन ड्रग्स एंड क्राइम्स के मुताबिक़ अफ़ीम का सबसे बड़ा उत्पादक देश अफ़ग़ानिस्तान है।
अफ़ग़ानिस्तान में होता है अफ़ीम !
यूनाइटेड नेशंस ऑफ़िस ऑन ड्रग्स एंड क्राइम्स के मुताबिक़, अफ़ीम का सबसे बड़ा उत्पादक देश अफ़ग़ानिस्तान है। दुनिया भर में अफ़ीम के कुल उत्पादन का 80 प्रतिशत से ज्यादा हिस्सा अफ़ग़ानिस्तान में होता है।