अफगानिस्तान में मौजूदा हालातों के मद्देनजर भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से फोन पर बात की। दोनों के बीच लगभग 45 मिनट तक कई मुद्दों पर चर्चा हुई।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने की रूस के राष्ट्रपति से फोन पर बात
तालिबान के कब्जे के बाद अफगानिस्तान में हालात बेकाबू हैं। कई देश अफगानिस्तान में फंसे अपने लोगों को निकालने में जुटे हुए हैं। इसी बीच भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से करीब 45 मिनट तक फोन पर बात की। ऐसे में दोनों के बीच कई मुद्दों पर चर्चा हुई। दोनों नेताओं ने साथ मिलकर इस संकट से निपटने के लिए काम करने की इच्छा जाहिर की।
सोमवार को जर्मनी से पीएम ने की थी बात
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अफगानिस्तान के हालात पर लगातार दूसरे देशों के नेताओं के साथ बातचीत कर रहे हैं। बीते दिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जर्मनी के चांसलर एंजेला मार्केल से भी अफगानिस्तान के मसले पर बात की थी। बता दें कि यह सभी देश इस वक्त अफगानिस्तान में जारी संकट पर नजर बनाए हुए हैं। इसके साथ ही काबुल एयरपोर्ट से जारी रेस्क्यू ऑपरेशन को लेकर भी सभी देशों के बीच सहयोग जारी है।
ऑपरेशन देवी शक्ति से रेस्क्यू जारी
अफगानिस्तान में फंसे भारतीय और अफगान नागरिकों को निकालने के लिए भारत ने ऑपरेशन देवी शक्ति चलाया है। काबुल एयरपोर्ट से लगातार भारतीय नागरिकों को वतन लाने का काम किया जा रहा है। ऑपरेशन शक्ति के तहत 16 अगस्त से अब तक करीब 800 लोगों को सुरक्षित भारत पहुंचाया गया है। मंगलवार यानी 24 अगस्त को भी काबुल से 78 नागरिक भारत पहुंचे हैं।
तालिबान और अफगानिस्तान को लेकर रूस ने क्या कहा?
अफगानिस्तान में तालिबान और उसके विरोधियों के बीच के टकराव में रूस दखल नहीं देना चाहता। रूस ने सोमवार को इस मामले में अपना रुख साफ करते हुए ये बात कही थी। क्रेमलिन के प्रवक्ता दमित्री पेस्कोव ने कहा कि कलेक्टिव सेक्युरिटी ट्रीटी ओरगेनाइजेशन के सदस्य देशों ने गतिरोध और ‘‘अफगानिस्तान में दूसरे गृहयुद्ध’’ के प्रभावों पर चर्चा की। उन्होंने कहा, ‘‘ वाकई कोई भी इस घटनाक्रम में दखल देने नहीं जा रहा।’’ उससे पहले तालिबान प्रवक्ता ने सोमवार को कहा कि इस गठबंधन के सैन्यबलों ने पंजशीर को घेर लिया।
काबुल पर तालिबान का कब्जा, पंजशीर अभी भी सुरक्षित
काबुल पर कब्जा करने के बाद तालिबान ने ये एलान किया था कि उसने पूरे अफगानिस्तान पर कब्जा कर लिया है। लेकिन अभी तालिबान पंजशीर में कब्जा नहीं कर पाया है। पंजशीर ने तालिबान के सामने हथियार नहीं डाले हैं। पंजशीर के शेर लगातार तालिबान को टक्कर दे रहे हैं। कई तालिबान विरोधी पंजशीर में इकट्ठे हो गए हैं। पंजशीर में जो इकट्ठा हुए हैं, उनमें अपदस्थ सरकार के उपराष्ट्रपति अमरूल्ला सालेह, जो कार्यवाहक राष्ट्रपति होने का दावा करते हैं भी शामिल हैं।