नई दिल्ली। पूरे देश में मंगलवार को बकरीद (ईद-उल-अजहा) का त्योहार धूम-धाम से मनाया जा रहा है। इस्लामी मान्यता के अनुसार यह कुर्बानी का त्योहार है।इस अवसर पर भारत के प्रधानमंत्री, राष्ट्रपति और देश के कई नेताओं ने लोगों की बकरीद की मुबारकबाद दी और त्योहार को शांतिप्रिय ढंग से मनाने की अपील भी की। मान्यताओं के अनुसार एक बार अल्लाह हजरत इब्राहिम की परीक्षा लेनी चाही और उसी के अनुरूप हजरत इब्राहिम को हुक्म हुआ कि वह अपनी सबसे प्यारी चीज को अल्लाह की राह में कुर्बान कर दें।
हजरत इब्राहिम ने अल्लाह की राह में अपने बेटे को कुर्बान करने का फैसला किया। कुर्बानी के वक्त बेटे का प्यार हावी न हो जाए इस वजह से उन्होंने अपनी आंखों में पट्टी बांध ली।अल्लाह का नाम लेते हुए उसके गले पर छूरी चला दी। जब उन्होंने अपनी आंख खोली तो देखा उनका बेटा बगल में जिंदा खड़ा है और उसकी जगह दुम्बा कटा हुआ लेटा है। इसी वजह से अल्लाह की राह में कुर्बानी की शुरूआत हुई।
बिसाहड़ा में नहीं दी जाएगी कुर्बानी- बिसाहड़ा गांव मे इस वर्ष लोगों ने कुर्बानी ना देने का फैसला लेते हुए बकरीद मनाने की तैयारी की है, सूत्रों के हवाले से प्राप्त जानकारी के अनुसार गांव के लोगों का मानना है कि गांव में शांति और आपसी सद्भाव को बरकार रखने के लिए यह फैसला लिया गया है, साथ ही लोगों ने यह भी स्पष्ट किया है कि यह फैसला किसी दबाव मे नही लिया गया है। लोगों ने बताया कि इस अवसर पर गैर मुस्लिम लोग भी उनके साथ है और त्योहार में हिस्सा भी ले रहे है। हालांकि बीते घटना को मद्देनजर रखते हुए प्रशासन ने गांव में सुरक्षा के इंतजाम भी किए है।
घाटी में बकीरद पर लगा है कर्फ्यू- कश्मीर में शांति बनाए रखने के लिए घाटी के सभी 10 जिलों में कर्फ्यू लगा दिया गया है। इस दौरान सुरक्षाबल चॉपर और ड्रोन से भी नजर रख रहे हैं। प्राप्त जानकारी के अनुसार राज्य सरकार ने सभी टेलीकॉम नेटवर्क को इंटरनेट सेवाएं अगले 72 घंटे तक बंद रखने का आदेश कल जारी किया है। कश्मीर में करीब दो महीने से अशांति का माहौल है और अब तक 70 से ज्यादा लोगों की मौत हुई है। आधिकारिक सूत्रों ने कहा कि सेना से तैयार रहने के लिए कहा गया है और अगर घाटी में हिंसा होती है तो सेना मोर्चा संभालेगी।