मंगल ग्रह पर नासा सहित दुनिया की कई अंतरिक्ष एजेंसियों की नजर है। हर कोई मंगल ग्रह के रहस्यों के बारे में जानकर वहां बसना चाहता है। इसी को देखते हुए आज नासा मंगल ग्रह पर एक बड़ा कारनामा करने जा रहा है।
नासा कार के आकार का छह पहियों वाला रोवर भेज रहा है, जिसका नाम है पर्सवीरन्स। ये ग्रह से पत्थर के नमूने धरती पर लाएगा जिनका अगले एक दशक में विश्लेषण किया जाएगा।मार्स मिशन 2020 के तहत नासा अपना 1000 किलो के वजन वाला रोवर मंगल पर भेज रहा है। कोरोना काल में ये अमेरिका की स्पेस एजेंसी की बड़ी तैयारी है। ये रोवर नासा के सतह पर पुराने जीवन की जानकारी इकठ्ठा करेगा। इसके अलावा ये रोवर मंगल की सतह से पत्थर और मिट्टी को धरती पर भी लेकर आएगा।
इस रोवर के साथ एक छोटा हेलिकॉप्टर भी जा रहा है। जो मंगल की सतह पर अकेले उड़ान भरने का प्रयास करेगा। मंगल के वातावरण के बीच उड़ान भरने के दौरान ये हेलिकॉप्टर सतह से 10 फीट ऊंचा उठेगा।परसिवरेंस मार्स रोवर और इंजीन्यूटी हेलिकॉप्टर मंगल ग्रह पर कार्बन डाईऑक्साइड से ऑक्सीजन बनाने का काम करेंगे। मौसम का अध्ययन करेंगे। ताकि भविष्य में मंगल ग्रह पर जाने वाले एस्ट्रोनॉट्स को आसानी हो।
मंगल ग्रह पर इंसानों के रहने लायक स्थिति है या नहीं। इसमें तापमान, धूल, वायुदाब, धूल और रेडिएशन आदि का अध्ययन किया जाएगा।
आपको बता दें इससे पहले चीन और संयुक्त अरब अमीरात मानवरहित अंतरिक्षयानों को मंगल ग्रह पर भेज चुके हैं। अब तक के सबसे व्यापक प्रयास में सूक्ष्मजीवों के जीवन के निशान तलाशने और भविष्य के अंतरिक्ष यात्रियों के लिए संभावनाओं की तलाश की जाएगी।
सबसे पहले यूएई के अंतरिक्षयान ‘अमल’ ने जापान से उड़ान भरी थी। इसके बाद चीन का एक रोवर और ऑर्बिटर मंगल पर भेजा गया, इस मिशन का नाम ‘तियानवेन-1’ है।
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मंगल ग्रह पर लगातार स्पेस एजेंसियां सेटेलाइट भेजकर मंगल ग्रह के रहस्यों के बारे में जानने की कोशिश में लगे हुए हैं। नासा के ये प्रयोग बड़ा माना जा रहा है। इससे अमेरिका को काफी उम्मीदें हैं।