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नासा ने खोजी नई दुनिया, जानिए इस ब्रह्माण्ड से उल्टा क्यों चलता है ये नया ब्रह्माण्ड ?

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आपने कई कहानी किस्सों में पृथ्वी पर मौजदू कई सारे ब्रह्माण्डों के बारे में सुना होगा। लेकिन क्या आपको पता है। अब वैज्ञानिकों ने दूसरे ब्रह्माण्ड की खोज कर ली है।

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नासा ने हमारे ब्रह्मांड के समानान्तर एक अन्य ब्रह्मांड की खोज की हैहालांकि यह ब्रह्मांड हमारे ब्रह्मांड से थोड़ा अलग है। वैज्ञानिकों की मानें तो इसका समय हमारें ब्रह्मांड से थोड़ा अलग है। क्योंकि यहां समय उल्टा चलता है।

दरअसल इस ब्रह्मांड का पता तब चला जब अमेरिकी स्पेस एजेंसी नासा ने एक विशाल बैलून के जरिए एक ट्रांसमिटिंग एंटिना अंटार्कटिक इम्पलसिव ट्रांसिएंट एंटीना को काफी उंचाई पर पहुंचाया। जिसके बाद उन्हें पथ्वी पर मौजूद अन्य दुनिया के मौजूद होने के सबूत मिले।

शोध में वैज्ञानिकों को क्या पता चला?

शोध में वैज्ञानिकों ने पाया कि हाई-एनर्जी के कण लगातार हवा के जरिए अंतरिक्ष से धरती पर आते हैं।

हाई-एनर्जी कणों को केवल अंतरिक्ष से ‘नीचे’ आने का पता लगाया जा सकता है, लेकिन वैज्ञानिकों की टीम ने उन भारी कणों का पता लगाया है जो पृथ्वी के ‘ऊपर’ से आते हैं।

जिसका अर्थ यह है कि यह कण वास्तव में धरती के एक समानांतर ब्रह्मांड होने का प्रमाण देते हैं, जहां पर समय उल्टा चलता है। हालांकि वैज्ञानिकों की इस दावे से सभी लोग सहमत नहीं हैं।

ये प्रयोग अंटार्कटिका पर ही क्यों किया गया?

वैज्ञानिकों ने अंटार्कटिका का चुनाव इस लिए किया था क्योंकि इन किरणों को पर व्यवधान कम से कम होगा। यहां न तो किसी वायु प्रदूषण और न ही किसी ध्वनि व्यवधान की संभावना थी। नासा के इस रेडियो डिटेक्टर का नाम अंटार्कटिका इम्पल्सिव ट्राजिएंट एंटीना है जिसे अनीता के नाम से भी जानते हैं।

आपको बता दें ANITA अनीता ने अपने 2006 और 2014 की उड़ान के दौरान एक उच्च ऊर्जा कणों को निकलते देखा।

इसे वैज्ञानिकों ने कणों का एक फुव्वारा कहा। अध्ययन में पाया गया कि ये कण रिफ्लेक्शन से नहीं बल्कि उत्सर्जन से नीचे से ऊपर की ओर जा रहे थे।

यानि यह एक तरह से कॉस्मिक किरणों की उल्टी बारिश हो रही थी। 2016 में हुए अध्ययन में पाया की वाकई यह कॉस्मिक किरणों की बारिश है।

इस प्रयोग से वैज्ञानिकों को लगता है कि उन्होंने यह प्रयोग करते हुए एक समांतर ब्रह्माण्ड का प्रमाण ढूंढ लिया है।

यह एक बहुत बड़ा दावा हो सकता है, लेकिन इसका आधार शोधकर्ता यह बताते हैं उन्होंने ऐसी जगह मिली है जहां भैतिकी की मानक नियम लागू नहीं होते। इसी लिए इस जगह को एक समांतर ब्रह्माण्ड की संज्ञा दी जा रही है।

रिपोर्ट में कहा गया है कि 13.8 बिलियन साल पहले बिग बैंग के वक्त, दो ब्रह्मांड बने थे। एक वो जहां हम रहते हैं और दूसरा दो समय के साथ पीछे चल रहा है।

https://www.bharatkhabar.com/corona-virus-released-from-wuhan-in-china-becomes-even-more-powerful/
इसलिए नासा के वैज्ञानिक दावा कर रहे हैं कि उन्होंने दूसरी दुनिया की खोज कर ली है।

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