मंगल ग्रह। वैज्ञानिको द्वारा आए दिन किसी न किसी ग्रह को लेकर रिसर्च चलती रहती है। जिसके चलते स्टडी में बहुत खुलासे भी होते हैं। जानकारी के अनुसार धरती के अलावा भी सौर मंडल के दूसरे कुछ ग्रहों पर जीवन संभव है। वैज्ञानिकों ने एक ग्रह को खोज निकाला पर जिस पर धरती पर पाए जाने वाले जीव रह सकते हैं। उस ग्रह का नाम मंगल ग्रह है। मंगल ग्रह के वातावरण में धरती के कुछ जीव खुद को बचा सकते हैं, वहां रह सकते हैं। दुनियाभर के वैज्ञानिकों का मानना है कि मंगल ग्रह पर करोड़ों साल पहले जीवन रहा होगा। इसके सबूत भी मिले हैं। हाल ही में अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा के मार्स क्यूरियोसिटी रोवर ने बताया था कि मंगल ग्रह पर बाढ़ आई थी। वहां सूक्ष्म जीवों के होने के कुछ सबूत भी मिले हैं।
मंगल ग्रह पर जीवित रह सकते हैं ये चारों जीवों-
बता दें कि मंगल ग्रह पर धरती के कौन से जीव रह सकते हैं, इसे लेकर यूनिवर्सिटी ऑफ अरकंसास के सेंटर फॉर स्पेस एंड प्लैनेटरी साइंसेज के शोधकर्ताओं ने एक स्टडी की। उन्होंने बताया कि धरती पर मिलने वाले चार प्रजातियों के जीव मंगल ग्रह पर रह सकते हैं। मंगल ग्रह पर रहना बेहद मुश्किल है। वहां बेहद कम दबाव का वायुमंडल है। साथ ही वातावरण और मौसम बेहद असुरक्षित और तेजी से बदलने वाला है। ऐसी स्थिति में धरती पर रहने वाले जीवों का वहां रहना मुश्किल है। लेकिन धरती पर मौजूद चार प्रजातियों के माइक्रो-ऑर्गेनिज्म यानी सूक्ष्म जीव वहां रहने लायक हैं। धरती के जो जीव मंगल ग्रह पर रह सकते हैं उन्हें मीथैनोजेन्स कहते हैं। ये बेहद प्राचीन सूक्ष्म जीव हैं, जो किसी भी तरह के कम दबाव वाले वातावरण में रहने योग्य होते हैं। इन्हें ऑक्सीजन की जरूरत नहीं होती, ये बुरे से बुरे वातारण में खुद को सर्वाइव कर लेते हैं। यूनिवर्सिटी ऑफ अरकंसास के शोधकर्ताओं की स्टडी रिपोर्ट हाल ही में ओरिजिंस ऑफ लाइफ एंड इवोल्यूशन ऑफ बायोस्फेयर जर्नल में प्रकाशित हुई है। इसमें बताया गया है कि धरती पर मौजूद किस तरह के जीव मंगल ग्रह पर रह सकते हैं। जो चार मीथैनोजेन्स मंगल ग्रह पर जी सकते हैं वो हैं- मीथैनोथर्मोबैक्टर वोल्फी, मीथैनोसार्सिना बारकेरी , मीथैनोबैक्टीरियम फॉर्मिसिकम और मीथैनोकोकस मारिपालुडिस ये सभी मीथैनोजेन्स बिना ऑक्सीजन के रह सकते हैं। इनपर कब दबाव या रेडिएशन का असर भी नहीं होता।