मेरठ: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी 15 अप्रैल को ईस्टर्न पेरीफेरल एक्सप्रेस-वे का उद्घाटन करने के लिए बागपत आ रहे हैं। उसी दिन गाजियाबाद के मंडौला में बढ़े मुआवजे के लिए आंदोलन कर रहे किसानों ने अधिग्रहित जमीन पर कब्जा लेने का ऐलान कर दिया है। इससे गाजियाबाद और बागपत का प्रशासन सकते में आ गया है और किसानों को समझाने की कोशिश तेज कर दी गई है।
गाजियाबाद जनपद में आवास एवं विकास परिषद द्वारा अधिग्रहित जमीन का बाजार भाव पर मुआवजे की मांग करते हुए मंडौला सहित छह गांवों के किसान लंबे समय से आंदोलन कर रहे हैं। इसके बावजूद उनकी मांग को गंभीरता से नहीं लिया जा रहा। अब किसानों ने आरपार की लड़ाई का ऐलान कर दिया है। किसानों ने 15 अप्रैल को अधिग्रहित भूमि पर कब्जा करने की घोषणा कर दी है। वे किसान उदय यात्रा के जरिए गांव-गांव घूमकर किसानों से समर्थन मांग रहे हैं। किसानों को संगठित कर रहे हैं। उनसे 15 अप्रैल को मंडौला पहुंचने की अपील कर रहे हैं, जिससे गाजियाबाद प्रशासन के हाथ-पांव फूल गए हैं।
प्रधानमंत्री 15 को करेंगे एक्सप्रेस-वे का उद्घाटन
किसानों के आंदोलन से गाजियाबाद पुलिस प्रशासन के हाथ-पांव इसलिए फूले हुए हैं, क्योंकि 15 अप्रैल को मंडौला से सात किलोमीटर की दूरी पर बागपत जनपद में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ईस्टर्न पेरीफेरल एक्सप्रेस-वे का उद्घाटन करने पहुंच रहे हैं। वे खेकड़ा में एक जनसभा को भी सम्बोधित करेंगे। किसानों के इस ऐलान का फायदा विरोधी पार्टियां उठाने के प्रयासों में हैं। वे किसानों को अपना समर्थन देने की घोषणाएं कर रही हैं, जिससे गाजियाबाद के साथ बागपत के प्रशासन के भी पसीने छूटने लगे हैं। दोनों ही जिलों का प्रशासन प्रधानमंत्री की जनसभा को बगैर किसी व्यावधान के सम्पन्न कराने की योजना बनाने में जुटा हुआ है।