लखनऊ: डालीगंज स्थित त्रेताकालीन प्रतिष्ठित शिव महाधाम मनकामेश्वर मठ-मंदिर में श्रावण कृष्ण पंचमी पर कल्याणकारी रवि योग में नंदी देव की स्थापना की गई। मनकामेश्वर मठ-मंदिर की महंत देव्यागिरि की अगुआई में मंदिर के पार्श्व स्थल पर वेदी पर काली और सुनहरी आभा से युक्त नंदी देव को स्थापित करके विधि-विधान से प्राण प्रतिष्ठा की गई।
सावन के पवित्र माह में भक्तगण अब महादेव का जहां गर्भगृह के बाहर से जलधारी की मदद से अभिषेक कर सकेंगे वहीं, गर्भगृह के बाहर अपने मन की बात नंदी देव से कह सकेंगे। मान्यता के अनुसार, नंदी देव शिवभक्तों के कष्ट महादेव की कृपा से पल में दूर कर देते हैं।
महंत देव्यागिरि ने बताया कि, हिन्दू धर्म में नंदी कैलाश के द्वारपाल हैं, जो शिव का निवास है। नंदी देव शिव के वाहन भी हैं। संस्कृत में ‘नन्दी’ का अर्थ प्रसन्नता या आनन्द है। नंदी को शक्ति-संपन्नता और कर्मठता का प्रतीक भी माना गया है। इस अवसर पर विधि-विधान से पूजन अर्चन किया गया। उत्साहित भक्तों ने जयकारे लगाए। इस अवसर पर भंडारा और प्रसाद का वितरण भी किया गया।