नई दिल्ली। नमामि गंगे कार्यक्रम के तहत गुरुवार को देशभर में विभिन्न स्थानों पर 231 परियोजनाओं की शुरूआत की गई । यह परियोजनाएं उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड, पश्चिम बंगाल, हरियाणा और दिल्ली में शुरू की जा रही हैं। इन परियोजनाओं में घाटों का नवीनीकरण, सीवेज ट्रीटमेंट संयंत्रों का पुनर्वास- विकास, वृक्षारोपण एवं जैव विविधता संरक्षण शामिल है।
केंद्रीय मंत्री उमा भारती ने बताया कि उत्तराखंड के देहरादून, गढ़वाल, टीहरी गढ़वाल, रूद्र प्रयाग, हरिद्वार और चमोली जिलों में 47 परियोजनाएं शुरू की जाएगी। मुख्य कार्यक्रम हरिद्वार में आयोजित होगा जिसमें उनके साथ उत्तराखंड के मुख्यमंत्री हरीश रावत और केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी, चौधरी बीरेन्दर सिंह और महेश शर्मा मौजूद रहेंगे।
गंगा ग्राम योजना का उल्लेहख करते हुए उमा भारती ने कहा कि इस योजना के पहले चरण में गंगा के तट पर बसे 400 गांवों का विकास किया जाएगा। देश के 13 भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थानों ने ऐसे पांच-पांच गांवों का विकास करने की जिम्मेदारी ली हैं। उन्होंने कहा कि इन गांवों के 328 सरपंचों को अब तक पंजाब के सींचेवाल गांव ले जाया गया है जहां उन्होंने सींचेवाल के विकास की जानकारी ली। उन्होंने बताया कि गंगा के किनारे आठ जैव विविधता संरक्षण केंद्रों का विकास किया जाएगा, जो ऋषिकेश, देहरादून, नरोरा, इलाहाबाद, वाराणासी, भागलपुर, साहिबगंज और बैरकपुर में स्थापित किए जा रहे हैं।
नमामि गंगे कार्यक्रम के तहत 20 परियोजनाएं पश्चिम बंगाल के उत्तरी 24 परगना, नदिया, दक्षिण 24 परगना और हावड़ा जिलों में शुरू की जाएंगी। मुख्य कार्यक्रम पश्चिम बंगाल के बजबज में आयोजित होगा। बिहार के बक्सर, वैशाली, सारण, पटना और भागलपुर जिलों में 26 परियोजनाएं शुरू की जाएगी। मुख्य कार्यक्रम पटना में आयोजित होगा। उत्तर प्रदेश के अमरोहा, बिजनौर, हापुड़, मुजफ्फरनगर, मेरठ, मथुरा, इलाहाबाद, वाराणासी, फरूखाबाद और कानपुर जिलों में 112 परियोजनाएं शुरू की जाएंगी। नरोरा, मथुरा, वाराणसी और कानपुर में मुख्य कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे।