नई दिल्ली। आंध्र प्रदेश को विशेष राज्य का दर्जा देने की मांग पर अड़े आंध प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू एनडीए के साथ बने रहने को लेकर पीएम मोदी से मुलाकात करेंगे। वहीं दूसरी तरफ मोदी सरकार में टीडीपी के दो मंत्रियों ने इस्तीफा देने की घोषणा कर दी है। केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री अशोक गजपति राजू और विज्ञान व तकनीक राज्य मंत्री वाईएस चौधरी अपने पद से इस्तीफा दे सकते हैं और उनकी पार्टी एनडीए से अलग भी हो सकती है। इससे पहले नायडू पीएम मोदी से मुलाकात करेंगे और उसके बाद कोई फैसला लेंगे। यानी की पीएम और नायडू के बीच में इस मुद्दे पर खुलकर बात होने के बाद ही दोनों मंत्री अपने पद से इस्तीफा देंगे।
इससे पहले चंद्रबाबू ने अमरावती में पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि केंद्रीय बजट में आंध्र की अनदेखी को लेकर मोदी सरकार से हम नाराज है। उन्होंने कहा कि केंद्र ने पांच साल पहले आंध्र प्रदेश के विभाजन के समय कई वादे किए थे, लेकिन एक भी नहीं निभाया गया है। बता दें कि उस समय केंद्र में मनमोहन सिंह की सरकार थी। इस अल्टीमेटम के बाद राज्य में कौन आगे-कौन पीछे की लड़ाई शुरू हो गई। सत्तारूढ़ टीडीपी को मजबूरी में इस लड़ाई में कूदना पड़ गया। क्योंकि पहले वह विशेष पैकेज की ही मांग कर रही थी। बाद में वाईएसआर-कांग्रेस के रुख को देख उसने भी विशेष राज्य के दर्जे की मांग शुरू कर दी। यही मजबूरी उसके गले की फांस बनकर मोदी मंत्रिमंडल से अलग होने का कारण बन गई।
आंध्र को लेकर चंद्रबाबू को दो नावों की सवारी करनी पड़ रही है। एक तरफ वह विशेष राज्य के दर्जे की मांग का समर्थन करते हुए दिखना चाहते हैं, वहीं केंद्र सरकार से संबंध भी नहीं बिगाड़ना चाहते। यही कारण है कि अमरावती में पत्रकारों से बात करने से पहले उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से बात करने की कोशिश की थी लेकिन इसमें सफलता नहीं मिली। उन्होंने कहा-लिहाजा, मेरे ओएसडी ने प्रधानमंत्री के ओएसडी को इस फैसले की सूचना दे दी।नायडू ने कहा कि भाजपा के साथ गठबंधन इसलिए किया गया था, ताकि आंध्र को न्याय मिल सके।लेकिन ऐसा हो न सका। इस सिलसिले में मुख्यमंत्री नायडू दर्जनों बार दिल्ली में प्रधानमंत्री और केंद्रीय मंत्रियों से मिले। फिर भी उनके अनुरोध पर गौर नहीं किया गया।