लखनऊ: उत्तर प्रदेश के सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम, निवेश एवं निर्यात प्रोत्साहन मंत्री सिद्धार्थ नाथ सिंह ने आज यहां माल एवून्यू स्थित लेबुआ होटल में वंदना सहगल द्वारा क्यूरेटेड एवं आर्टिस्ट उमेश कुमार सक्सेना द्वारा आयोजित ‘‘नभचर एक्जीविशन’’ का शुभारम्भ किया गया है।
इसके साथ ही उन्होंने नभचर ऋंखला के तहत 15 कलाकारों द्वारा चित्रित 35 कलाकृतियों का प्रदर्शन संबंधी पुस्तिका का भी विमोचन किया।
सिद्धार्थ नाथ सिंह ने कहा कि तेजी से दौड़ती इस दुनिया में चित्रकारों की यह रचानाएं हमें ठहर कर कुछ पल अपने जीवन को एक नये सिरे सोचने के लिए विवश करती है। और मानव मन के साथ-साथ प्रकृति के अनछुए पहलुओं से अवगत कराती हैं। उन्होंने कहा कि वर्तमान समय में मनुष्यों द्वारा अत्यधिक प्रकृतिक संसाधनों का दोहन किया जा रहा है, जिसका परिणाम है कि अनेक प्राकृतिक आपदायें हमारे सामने आ रही है।जिससे भयंकर जनधन हानि हो रही है।
कोरोना महामारी इसका एक उदाहरण है। इसलिए यह आवश्यक है कि हम अपने व्यस्त्तम जीवन से कुछ समय निकालकर प्रकृति की ओर भी अपनी जिम्मेदारियों को समझें। उन्होंने आयोजकों को इस उत्कृष्ट प्रदर्शनी के आयोजन हेतु बधाई भी दी।
इस अवसर पर श्रीमती वंदना सहगल ने आर्टिस्ट उमेश कुमार सक्सेना की नभचर श्रृंखला की भूरि-भूरि प्रसंशा करते हुए कहा कि यह प्रदर्शनी कलाकारों को प्रोत्साहित करने के लिए एक बड़ी पहल है। ऐसे प्रदर्शनियां उभरते हुए चित्रकारों की कला को एक नई सोच और नई उड़ान देने का कार्य करेंगी।
उन्होंने कहा कि इस प्रदर्शनी में चित्रकारों ने सीमित रंगों में रचानाएं करके अपनी भावनाओं को प्रदर्शित करने का कार्य किया है, जो इन चित्रों में आसानी से देखा जा सकता है। उन्होंने कहा कि स्ट्रांग आब्जर्वेशन और निर्भीक निडर होकर रचना धर्म को निभाते हुए इन कलाकारों ने जिन रचनाओं को सृजित किया है, वह अत्यन्त प्रसंशनीय है।
सक्सेना ने कहा कि नभचर श्रृंखला की विशेषता यह है कि इसमें चित्रों को उकेरने में कम लाइनों का प्रयोग किया गया है और लाइनों में भाव-भंगीमाओं को सहजता और सरलता से दर्शाया गया है। अपनी संवेदनशीलता और अनुभव के आधार पर ही इन चित्रों का सृजन किया गया है और नये आयामों के द्वारा भावनाओं को दर्शाया गया है।