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एनएबीसीबी ने कर्मियों के प्रमाणन के लिए अंतरराष्ट्रीय समकक्षता हासिल की

nabcb एनएबीसीबी ने कर्मियों के प्रमाणन के लिए अंतरराष्ट्रीय समकक्षता हासिल की

नई दिल्ली। प्रमाणन निकायों के लिए राष्ट्रीय प्रत्यायन बोर्ड (एनएबीसीबी) ने आज सिंगापुर में एशिया-प्रशांत प्रत्यायन सहयोग की वार्षिक बैठकों में कर्मियों के प्रमाणन निकायों से जुड़े अपने प्रत्यायन कार्यक्रम के लिए अंतरराष्ट्रीय समकक्षता हासिल कर ली। भारत के राष्ट्रीय प्रत्यायन निकाय एनएबीसीबी ने अंतरराष्ट्रीय मानक आईएसओ/आईईसी 17024 पर आधारित अपने प्रत्यायन कार्यक्रम के लिए एशिया-प्रशांत प्रत्यायन सहयोग (एपीएसी) की पारस्परिक मान्यता व्यवस्था (एमआरए) पर हस्ताक्षर किए। आईएसओ/आईईसी 17024: अनुरूपता का आकलन-व्यक्तियों का प्रमाणन करने वाले निकायों के लिए सामान्य आवश्यकताओं में कार्मिक प्रमाणन निकायों (जिसे व्यक्तियों के लिए एक प्रमाणन निकाय के रूप में भी जाना जाता है) के परिचालन के लिए विभिन्न पैमानों को निर्दिष्ट किया जाता है। संबंधित मानक में उन व्यक्तियों के लिए प्रमाणन योजनाओं के विकास एवं रखरखाव से संबंधित आवश्यकताएं शामिल हैं जिन पर प्रमाणन आधारित है।

उपर्युक्त मान्यता मिलने पर एनएबीसीबी ने यह सत्यापन करते हुए विश्व बाजार में भारतीय सेवाओं और कौशल के निर्यात में सुविधा होने की उम्मीद जताई है कि संबंधित व्यक्ति प्रमाणन निकायों द्वारा प्रमाणित हैं और वे अंतरराष्ट्रीय मानकों का पालन कर रहे हैं।
कर्मियों के प्रमाणन से भारत में विशेषकर उन अनगिनत प्रोफेशनलों को काफी सुविधा होगी जिन्होंने कोई औपचारिक शिक्षा अथवा प्रमाणन कार्यक्रम हासिल नहीं किया है। एनएबीसीबी के लोगो से युक्त आईएसओ/आईईसी 17024 प्रमाण पत्र अपने साथ रखने वाले किसी भी व्यक्ति को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मान्यता मिलेगी। इसका इस्तेमाल नियामकों द्वारा भी विभिन्न कार्यकलापों के लिए प्रमाणित कर्मियों में विश्वास जताने में किया जा सकता है।

वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय से संबद्ध भारतीय गुणवत्ता परिषद का एक संघटक बोर्ड एनएबीसीबी समकक्षता की एक अंतरराष्ट्रीय प्रणाली के तहत मान्य अंतरराष्ट्रीय मानकों के अनुसार प्रमाणन/निरीक्षण निकायों के प्रत्यायन के लिए उत्तरदायी है। इसका मतलब यही है कि एनएबीसीबी द्वारा किए जाने वाले कार्मिक प्रमाणन निकायों के प्रत्यायन को अब अंतरराष्ट्रीय स्तर पर समकक्ष या समतुल्य के रूप में स्वीकार किया जाता है।

आधिकारिक प्रत्यायन यह आश्वासन देते हुए कि प्रत्यायित अनुरूपता आकलन निकाय (सीएबी) अपनी मान्यता के दायरे में उनके द्वारा किए गए कार्य को पूरा करने में सक्षम है, व्यापार और इसके ग्राहकों के जोखिम कम कर सकती है। प्रत्यायित निकाय (एबी) जो एपीएसी के सदस्य हैं और उन्होंने जिन सीएबी को मान्यता दी है, उनके लिए उचित अंतर्राष्ट्रीय मानकों और इन मानकों के संगत अनुप्रयोग के लिए लागू एपीएसी अनुप्रयोग दस्तावेजों का अनुपालन करना आवश्यक है। एपीएसी बहुपक्षीय प्रत्यायन व्यवस्था (एमआरए) के हस्ताक्षरकर्ता प्रत्यायित निकायों (एबी) का मूल्यांकन नियमित रूप से मित्र समूह द्वारा नियुक्त दल द्वारा नियमित रूप से किया जाएगा, ताकि उनके प्रत्यायन कार्यक्रमों के संचालन में विश्वास पैदा किया जा सके।

आधिकारिक प्रत्यायन भारत में अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर किए जाने वाले निरीक्षण, परीक्षण और प्रमाणन की स्वीकृति प्राप्त करने का एक आवश्यक साधन बन गया है और इसका भारत-सिंगापुर व्यापक आर्थिक सहयोग अनुबंध जैसे अनेक द्विपक्षीय मुक्त व्यापार अनुबंधों में संदर्भ दिया गया है। ऐसे अनुबंधों में बिजली / इलेक्ट्रॉनिक और दूरसंचार उत्पादों के प्रमाणीकरण के लिए एनएबीसीबी का प्रमाणन अनिवार्य है।

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