नई दिल्ली। दर-बा-दर भटक रहे रोहिंग्या मुस्लिमों के लिए म्यांमार ने एक फैसला लिया है। जिसमें उसने करीब पांच लाख रोहिंग्या को वापस लेने का प्रस्ताव दिया है, जो हाल ही में हिंसा भड़कने के बाद भागकर बांग्लादेश में दाखिल हुए हैं। म्यांमार और बांग्लादेश ने शरणार्थियों की वापसी में समन्वय के लिए एक कार्य समूह का गठन पर सहमति जताई है। बांग्लादेश के विदेश मंत्री एएच महमूद अली ने म्यांमार के वरिष्ठ प्रतिनिधि क्याव तिन्ट स्वे के साथ बातचीत के बाद यह जानकारी दी। उन्होंने संवाददाताओं से कहा कि वार्ता दोस्ताना माहौल में हुई और म्यांमार ने रोहिंग्या शरणार्थियों को वापस लेने का प्रस्ताव दिया है।
बता दें कि अली का कहना है कि दोनों देशों ने शरणार्थियों की वापसी की प्रक्रिया की निगरानी के लिए एक संयुक्त कार्य समूह का गठन करने पर सहमति जताई गई है। म्यांमार की सीमा से लगे बांग्लादेश की सीमावर्ती क्षेत्र में 800,000 से अधिक शरणार्थी हैं। उन्होंने कहा कि यह बैठक शांतिपूर्ण ढंग से हुई और बांग्लादेश ने म्यांमार के प्रतिनिधि को प्रस्तावित समझौते का मसौदा भी सौंपा और सुझाव दिया कि संकट के शांतिपूर्ण समाधान के लिए अन्नान आयोग की रिपोर्ट का क्रियान्वयन किया जाए।