नई दिल्ली: मुजफ्फरपुर बालिका गृह मामले पर सुप्रीम कोर्ट ने बिहार पुलिस को फटकार लगाई है। कोर्ट ने ऐसा इसलिए किया है क्योंकि पुलिस पूर्व मंत्री मंजू वर्मा को गिरफ्तार करने में नाकाम रही है। बता दें मंजू वर्मा के घर से गोला-बारूद बरामद हुए थे।
वर्मा की अग्रिम जमानत की अर्जी भी खारिज चुकी है
मंजू वर्मा की अग्रिम जमानत की अर्जी भी काफी पहले ही खारिज हो चुकी है। जस्टिस मदन बी लोकुर ने कहा, ‘बहुत खूब! कैबिनेट मंत्री मंजू वर्मा फरार हैं, बहुत खूब। यह कैसे हुआ कि मंत्री फरार है और किसी को नहीं पता कि वह कहां है। मुद्दे की गंभीरता का अहसास करें कि मंत्री मिल नहीं रही है। यह बहुत हुआ।’
27 नवंबर को होगी अगली सुनवाई
सुप्रीम कोर्ट ने आगे कहा, ‘हम आश्चर्यचकित हैं कि एक महीने से भी अधिक समय हो गया और पुलिस पूर्व मंत्री के बारे में पता नहीं लगा पाई। हम पुलिस को यह बताना चाहते हैं कि इतने महत्वपूर्ण व्यक्ति के बारे में कैसे पता नहीं चल पाया है।’ कोर्ट ने डीजीपी को अपने सामने पेश होने के लिए भी कहा।’ अब मामले की अगली सुनवाई 27 नवंबर को होगी।
इससे पहले कोर्ट ने वर्मा की गिरफ्तारी न होने पर कहा था, ‘बिहार में कुछ भी ठीक नहीं है। पूर्व मंत्री छुपी हुई हैं और सरकार को पता ही नहीं है। मंत्री की जमानत याचिका खारिज होने के बाद भी सरकार उन्हें गिरफ्तार करने में नाकाम रही है।’ कोर्ट ने कहा था कि बिहार में कुछ भी ठीक नहीं है।
पीठ ने मंजू वर्मा को लेकर कहा था कि उनकी अग्रिम जमानत की अर्जी खारिज हो गई है। फिर अब तक उनकी गिरफ्तारी क्यों नहीं हुई। पीठ ने बिहार सरकार से जवाब दाखिल करने के लिए भी कहा था।
ये है पूरा हमला
बिहार के मुजफ्फरपुर बालिका गृह में 34 लड़कियों के साथ रेप का खुलासा होने के बाद ही राजनीतिक बहस तेज हो गई थी। इस कांड का खुलासा टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ सोशल सांइसेज (टीआईएसएस) की रिपोर्ट में हुआ। जब सरकार पर विपक्षी पार्टियों और लोगों का दबाव बढ़ा तो इस मामले में सीबीआई जांच की सिफारिश की गई। अभी हाल ही में मुजफ्फरपुर के बालिका गृह से 15 साल की बच्ची का भी कंकाल मिला है। जिससे मामले में नया मोड़ आ गया है।