शिवनंदन सिंह संवाददाता
बिलकिस बानो के गैंगरेप मामले में सजा काट रहे 11 अभियुक्तों को रिहा करने के मामले में शुक्रवार को लखनऊ के शहीद स्मारक पर सोशलिस्ट पार्टी ने पार्टी के महासचिव संदीप पांडेय की अगुवाई में सोशलिस्ट महिला सभा ने जमकर प्रदर्शन करने के साथ ही गुजरात सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की।
पार्टी की ओर से जारी पत्र में कहा गया है कि गुजरात में बिलकिस बानो के बलात्कारी सजा काट रहे थे, और उनकी सजा माफ कर उन्हें जेल से रिहा कर दिया गया। यह शायद गुजरात मॉडल है कि दोषी जेल से बाहर हैं और तीस्ता सेतलवाद, आर.बी. श्रीकुमार व संजीव भट्ट जो न्याय की लड़ाई लड़ रहे थे, वे जेल के अंदर हैं। इसके अलावा, पार्टी द्वारा झारखंड के शाहरुख व इंद्र कुमार मेघवाल का भी मामला उठाया।
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पार्टी की ओर से जारी पत्र में कहा गया है कि इससे पहले 2002 की गुजरात साम्प्रदायिक हिंसा में नरोदा पाटिया में मुस्लिम जन संहार के आरोप में उस समय की मोदी सरकार में मंत्री रही माया कोडनानी और उनके सहयोगी बाबू बजरंगी को भी सजा हुई थी। माया कोडनानी की सजा माफ हो गई और बाबू बजरंगी भी जमानत पर जेल से बाहर हैं। 2002 की हिंसा के दोषियों के प्रति जिस प्रकार की नर्मी बरती जा रही है, जबकि बिना सबूत के आरोपों में कई बुद्धिजीवी व छात्र जेलों में सड़ रहे हैं और उन्हें जमानत नहीं मिल रही, वह आपराधिक न्यायिक व्यवस्था का मजाक ही है।
इस दौरान शहीद स्मारक पर प्रदर्शन के दौरान पार्टी की महिला कार्यकर्ता व अन्य कार्यकर्ताओं की पुलिस से तीखी बहस के साथ नोकझोंक भी हुई। जिसके बाद लखनऊ पुलिस ने प्रदर्शन कर रहे लोगों को गाड़ी में भरकर सभी प्रदर्शनकारियों को रिजर्व पुलिस लाइन भेजा।
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