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बिहार विधानसभा चुनाव को लेकर बीजेपी-जेडीयू में गुणा भाग,  50-50 पर चुनाव लड़ने पर बन सकती है सहमति

amit shah बिहार विधानसभा चुनाव को लेकर बीजेपी-जेडीयू में गुणा भाग,  50-50 पर चुनाव लड़ने पर बन सकती है सहमति

पटना। इसी साल होने वाले बिहार विधानसभा चुनाव में बिहार की धरती से भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के अध्यक्ष अमित शाह के यह घोषणा दोहराने के बाद कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व में ही एनडीए चुनाव लड़ेगा, सीटों को लेकर बीजेपी और जेडीयू में गुणा-भाग शुरू हो गया है। सूत्रों का दावा है कि दोनों दलों में लोकसभा चुनाव की तर्ज पर 50-50 (बराबर-बराबर) सीटों पर चुनाव लड़ने की सहमति बन सकती है। पिछले विधानसभा चुनाव में जनता दल-यूनाइटेड (जेडीयू) और बीजेपी अलग-अलग चुनाव लड़े थे, जबकि उससे पहले साल 2010 में दोनों पार्टियों ने मिलकर चुनाव लड़ा था।

बता दें कि सूत्रों का दावा है कि 2020 के विधानसभा चुनाव के लिए सीट बंटवारे का फ़ॉर्म्युला लोकसभा चुनाव के फ़ॉर्म्युले पर आधारित हो सकता है। लोकसभा चुनाव में हुए सीट शेयरिंग फ़ॉर्म्युला विधानसभा में भी सीटों के बंटवारे का आधार बन सकता है। बीजेपी-जेडीयू के बीच लोकसभा की तर्ज पर सीटों का बंटवारा हुआ, तो इस बार 124 मौजूदा सीटों में से 52 विधानसभा क्षेत्रों में उम्मीदवारी में फेरबदल हो सकता है।

वहीं पिछले चुनाव में जेडीयू ने जहां 71 सीटों पर जीत हासिल की थी, वहीं बीजेपी के प्रत्याशी 53 सीट पर विजय प्राप्त कर सके थे। ऐसे में देखा जाए तो 24 ऐसी सीटें हैं जहां बीजेपी पहले और जेडीयू दूसरे नंबर पर रही थी, जबकि 28 सीटें ऐसी हैं, जहां जेडीयू पहले नंबर पर थी और वहां बीजेपी दूसरे नंबर पर रही थी। ऐसे में तय है कि ऐसी कुछ सीटों पर उम्मीदवारों की बदल हो सकती है।

साथ ही राजनीति के जानकार और पटना के वरिष्ठ पत्रकार संतोष सिंह हालांकि इस फ़ॉर्म्युले को नकारते हैं। उन्होंने कहा कि पिछले चुनाव में जेडीयू अलग गठबंधन में था, जबकि 2020 में होने वाले चुनाव में वह एनडीए में होगा, ऐसे में समीकरण भी बदलेंगे। पिछले चुनाव में एनडीए के साथ चुनाव मैदान में उतरी जेडीयू कई क्षेत्रों में बीजेपी से मजबूत स्थिति में है। ऐसी सीटें उसके खाते में जाएगी। बीजेपी के मजबूत होने की स्थिति में यह तय है कि दोनों पार्टियां बराबर सीटों पर चुनाव लडे़ंगी। हालांकि अभी चुनाव में देर है और राजनीति में कुछ भी संभव है।

जेडीयू के उपाध्यक्ष प्रशांत किशोर ने पिछले दिनों हालांकि कहा था कि जेडीयू और बीजेपी के बीच सीटों का बंटवारा 2010 के फ़ॉर्म्युले के तहत होना चाहिए। उस समय बीजेपी ने 102 सीटों पर और जेडीयू ने 141 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारे थे। इस बयान के बाद जेडीयू के कई नेताओं ने किशोर के बयान को खारिज कर दिया था। हालांकि कुछ लोग यह भी कहते दिखे थे कि प्रशांत किशोर यह बयान नीतीश कुमार के कहने पर ही दे रहे हैं।

बीजेपी के एक नेता भी कहते हैं कि लोकसभा चुनाव में जिस तरह पार्टियों के बीच सीटों का बंटवारा हुआ था, वही होगा। उनका कहना है कि लोकसभा चुनाव में गठबंधन के दूसरे साथियों को सीटें देने के बाद बची हुई सीटों पर 50-50 फीसदी के आधार बीजेपी और जेडीयू में सीटों का बंटवारा हुआ था। विधानसभा चुनाव में भी यही फ़ॉर्म्युला लागू किया जा सकता है। बहरहाल, नीतीश के नेतृत्व में एनडीए के चुनाव लड़ने की घोषणा के बाद यह तय है कि बीजेपी और जेडीयू साथ में चुनावी मैदान में होंगे और सीट बंटवारे को लेकर अभी से ही गुणा-भाग शुरू हो गया है।

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