नई दिल्ली। मंगलवार को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के सम्मान में उतर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने एक भोज का आयोजन किया था। जिसमें समाजवादी पार्टी के पूर्व मुखिया मुलायम सिंह यादव भी मौजूद रहे इस दौरान मुलायम सिंह यादव और पीएम मोदी के बीच काफी देर तक बातचीत हुई। हांलाकि इस दौरान मुलायम सिंह के आने को लेकर कई कयास लगाए जा रहे थे। लेकिन आखिरकार मुलायम ने यहां आकर सबको चौंका दिया। इस दौरान मुलायम को देखकर पीएम मोदी ने उन्हे अपने साथ बैठाकर बातचीत भी की।
सीएम योगी और पीएम मोदी के साथ मुलायम ने की गलबहियां
इस दौरान सपा के संरक्षक मुलायम सिंह यादव ने बीजेपी के राष्ट्रपति उम्मीदवार के प्रत्याशी रामनाथ कोविंद को एक अच्छा उम्मीदवार बताया साथ ही केन्द्र सरकार और भाजपा की नीतियों की जमकर तारीफ भी की।यूपी के सीएम योगी आदीत्यनाथ द्वारा दिए गए डीनर पार्टी के निमंत्रण को भी स्वीकार किया है। आपको बता दें मुलायम और पीएम मोदी की ये मुलाकात ठीक राष्ट्रपति चुनाव के पहले विपक्ष के आंखो की किरकिरी बन गई है।क्योंकि जैसे ही बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने रामनाथ कोविंद के नाम की घोषणा की थी। इसके बाद पहली प्रतिक्रिया के तौर पर मुलायम की ही टिप्पणीं आई थी। जिसमें मुलायम ने साफतौर पर एनडीए के प्रत्याशी का समर्थन करने की बात कही थी।
अखिलेश और मुलायम के बीच सबकुछ नार्मल नहीं
हांलाकि इन दिनों सपा के मुखिया और सूबे के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव और सपा के पूर्ण मुखिया और संरक्षक मुलायम सिंह यादव के बीच सब कुछ नार्मल नहीं चल रहा है। बीते साल समाजवादी कुनबे में छिड़ी जंग की आग अभी तक सुलग रही हैं। जबकि इस आग की लपटों में सत्ता तो गई ही पार्टी भी बुरी तरह से कमजोर हुई है। उधर सपा की रीड़ माने जाने वाले शिवपाल यादव कई बार अखिलेश से इतर पार्टी बनाने की बात कह चुके हैं। जिसके लिए उन्होने समाजवादी फ्रंट का ऐलान भी कर दिया है। सूत्रों की माने तो शिवपाल अब अखिलेश के साथ नहीं बल्कि अखिलेश के खिलाफ राजनीति में उतरने का मन बना चुके हैं।
कई बार विवाद सार्वजनिक तौर पर सामने आये हैं
इस साल हुए विधान सभा चुनाव के दौरान ही शिवपाल ने कई बार अखिलेश पर हमला बोला है। बीते साल समाजवादी पार्टी के भीतर मची उठा-पटक का दौर इस साल भी चुनाव के पहले चलता रहा कभी पिता और चाचा ने बेटे और भाई को बाहर का रास्ता दिखाया तो भाई और भतीजे ने मिलकर पिता और चाचा को पार्टी के बाहर किया। इसके बाद जनता ने ही इन्हे सत्ता के बाहर का रास्ता दिखा दिया । इस पूरे दौर में मुलायम ने कांग्रेस के साथ सपा के गठबंधन का पुरजोर विरोध भी किया था। लेकिन अखिलेश ने मुलायम के विरोध को दरकिनार करते हुए पार्टी के साथ कांग्रेस का गठबंधन जारी रखा था।
अब मुलायम सिंह ने एक बार फिर एनडीए के पाले में आकर राष्ट्रपति चुनाव के पहले एक बड़ा दांव खेल दिया है। मुलायम के इस दांव के बाद अब राष्ट्रपति चुनाव को लेकर विपक्ष की सारी सियासी गणित बिगड़ सकती है। क्योंकि मुलायम अपने साथ कई अन्य दलों से भी बड़े पैमाने पर गठजोड़ रखते हैं। ऐसे में मुलायम का एनडीए प्रत्याशी को समर्थन देना विपक्ष के लिए बड़ा खतरा हो सकता है।
अजस्र पीयूष