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UNHRC में बोला भारत, देश का नहीं है कोई राजकीय धर्म

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जेनेवा। जेनेवा में संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद की बैठक पाकिस्तान को करार जबाव देते हुए भारत के अटॉर्नी जनरल मुकुल रोहतगी ने कहा है कि भारत एक धर्म निरपेक्ष राष्ट्र के तौर पर दुनिया के सामने उभरा है। भारत में अल्पसंख्यकों के अधिकारों की पूरी तरह से रक्षा की जाती है और उन्हें आगे बढाने के लिए कई सारे प्रयास किए जाते हैं।

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दरअसल पाकिस्तान लगातार भारत पर आरोप लगा रहा है कि देश में अल्पसंख्यकों पर हमले किए जाते हैं। पाकिस्तान का ये भी आरोप है कि भारत में अल्पसंख्यकों को आगे बढ़ने से रोका जाता है। इन सभी आरोपों को खारिज करते हुए भारत ने पाकिस्तान पर पलटवार किया है।

आजादी की अहमियत

संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद की बैठक में हिस्सा लेने पहुंचे भारत के अटॉर्नी जनरल मुकुल रोहतगी ने पाकिस्तान पर हमला बोलते हुए कहा है कि भारत का अपना कोई राष्ट्रीय धर्म नहीं है, देश के संविधान में भी अल्पसंख्यकों को आगे बढ़ाने, उन्हें सुरक्षा मुहैया कराने और अधिकारियों की रक्षा का पूरा जिक्र किया गया है, जिसे सरकार की ओर से लागू किया जा रहा है।

सभा को संबोधित करते हुए रोहतगी ने आगे बोलते हुए कहा कि भारत दुनिया का सबसे बड़ा लोकतांत्रिक देश है, जहां विचार और अभिव्यक्ति की आजादी को अहमियत दी जाती है।

स्वतंत्र न्यायपालिका भी करती है अधिकारों की रक्षा

रोहतगी ने कहा कि भारत के लोग राजनीतिक स्वतंत्रता और अधिकारों को लेकर बेहद जागरूक हैं। याकूब मेनन का नाम लिए बिना उन्होंने कहा कि भारत में सुप्रीम कोर्ट रात दो बजे भी सुनवाई शुरू कर देती है। शीर्ष अदालत ने ट्रांसजेंडर के अधिकारों की रक्षा के लिए उनको तीसरे जेंडर का दर्जा दिया।

पाक ने उठाया मुद्दा

बता दें कि यूएन मानवाधिकार परिषद में सभी देशों द्वारा मानवाधिकार के रिकॉर्ड पेश किए जाते हैं। रिपोर्ट पेश होने के बाद कोई देश किसी अन्य देश के आंकड़ों से संतुष्ट नहीं है तो वो सवाल उठा सकता है। इसी बात को ध्यान में रखते हुए पाकिस्तान ने भारत की ओर से पेश की गई रिपोर्ट पर सवाल उठाते हुए कहा कि देश में अल्पसंख्यकों को नकारा जाता है।

इस दौरान इटली, इस्राइल और जापान ने भारत से अंतर्राष्ट्रीय अभिसमय के तहत मृत्यु दंड खत्म करने को कहा। आपको ये बात जानकर हैरानी होगी कि इस अभिसमय में भारत ने 19 साल पहले हस्ताक्षर कर चुका है।

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