अटॉर्नी जनरल मुकुल रोहतगी का तीन साल का कार्यकाल 19 जून को खत्म होने वाले है ऐसे में उन्होंने सरकार को सूचित किया है कि उनकी नियुक्ति के लिए विचार ना किया जाए। उनका कहना है कि उन्होंने सरकार को पत्र पिछले महीने लिखा था जिसमें उन्होंने सरकार को सूचित किया कि अटॉर्नी वह अटॉर्नी जनरल के पद पर फिर से नियुक्त नहीं होना चाहते हैं। मुकुल रोहतगी ने सरकार को पत्र लिखकर कहा था कि वह अपनी निजी प्रैक्टिस शुरू करना चाहते हैं।
मुकुल रोहतगी का कहना है कि सरकार के संबंध उनके साथ अच्छे हैं और उनको जब भी जरूरत होगी तो सरकार उनकी मदद जरूर करेगी। रोहतगी का कहना है कि मोदी सरकान ने उनकी नियुक्ति की थी और उन्होंने अपना कार्यकाल संतोषजनक पूरा कर लिया है। रोहतगी के अनुसार वह नहीं चाहते हैं कि इस पद के लिए उनकी दुबारा नियुक्ति हो।
उनका कहना है कि पिछले ही महीने उन्होंने सरकार को सूचित कर दिया था और वह पुन नियुक्ति नहीं चाहते हैं और अब वह प्राइवेट प्रैक्टिस एक बार फिर से शुरू करना चाहते हैं। मुकुल रोहतगी ने साफ कर दिया था कि उनके फैसले को लेकर सरकार को भेजा गया पत्र उनका इस्तीफा नहीं है क्योंकि अब उनका कार्यकाल खत्म होने में ज्यादा वक्त नहीं है। उनका कहना है कि जब तक जीवित रहुंगा सरकार का साथ देता रहूंगा।