लखनऊ: उत्तर प्रदेश का गैंगस्टर मुख्तार अंसारी पंजाब की रोपड़ जेल में बंद है। मगर, उसे यूपी वापस लाने से पहले एक एंबुलेंस को लेकर बवाल खड़ा हो गया है।
दरअसल, यह वह एंबुलेस है, जिसमें बिठाकर मुख्तार अंसारी को मोहाली की कोर्ट लाया गया था। इस एंबुलेंस पर यूपी का नंबर पड़ा हुआ था, जिस पर विवाद खड़ा हो गया है।
डॉ. अलका राय के नाम पर अस्पताल
कहा जा रहा है कि मुख्तार को जिस एम्बुलेंस से मोहाली कोर्ट लाया गया, वह यूपी के बाराबंकी जिले के श्याम संजीवनी अस्पताल के नाम पर दर्ज है। इस अस्पताल की संचालिका डॉ. अलका राय हैं, जोकि दिवगंत कृष्णानंद राय की पत्नी और भारतीय जनता पार्टी की विधायक हैं।
जब यह बात खुलकर सामने आई कि जिस एंबुलेंस से गैंगस्टर मुख्तार अंसारी को मोहाली की अदालत में पेश करने के लिए लाया गया, वो डॉ. अलका राय के नाम रजिस्टर्ड है तो मामला गरमा गया। विपक्ष ने इस पर सवाल खड़े करने शुरू कर दिए।
बाराबंकी में मेरा कोई अस्पताल नहीं: अलका राय
हालांकि, इस पूरे मामले में भाजपा विधायक डॉ. अलका राय ने साफ कर दिया कि, ना तो उनके पास कोई एंबुलेंस है और ना ही बाराबंकी में उनका कोई अस्पताल है। उनका एकमात्र अस्पताल है, वो भी मऊ में।
इस पूरे मामले में बीजेपी विधायक अलका राय ने कांग्रेस को ही निशाने पर ले लिया है। उन्होंने ट्वीट करते हुए लिखा- ‘राहुल गांधी और प्रियंका गांधी जी की सरकार माफिया डॉन मुख़्तार को बचाने के लिए कोई कोर कसर नहीं छोड़ रही है। आज जिस तथाकथित एंबुलेंस में मुख़्तार अंसारी को कोर्ट में पेश किया गया, वह तथाकथित एम्बुलेंस मुख़्तार अंसारी को किसने मुहैया करायी इसकी जाँच होनी चाहिए।
यूपी के नंबर की गाड़ी की जांच होनी चाहिए: अलका राय
साथ ही उन्होंने लिखा कि, यह एम्बुलेंस थी या माफ़िया डॉन की लग्ज़री गाड़ी, जांच इसकी भी होनी चाहिए। UP के रजिस्ट्रेशन के नम्बर की यह गाड़ी किन हालातों में पंजाब पहुंची और माफ़िया डॉन कैसे इस गाड़ी पर घूम रहा है, यह भी एक बड़ा सवाल है।
यह एम्बुलेंस थी या माफ़िया डॉन की लग्ज़री गाड़ी, जाँच इसकी भी होनी चाहिए। UP के रजिस्ट्रेशन के नम्बर की यह गाड़ी किन हालातों में पंजाब पहुँची और माफ़िया डॉन कैसे इस गाड़ी पर घूम रहा है यह भी एक बड़ा सवाल है।@myogiadityanath @ChiefSecyUP @shalabhmani
— Alka Rai (@bjpalkarai) March 31, 2021
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, एंबुलेंस का रजिस्ट्रेशन जिस अस्पताल के नाम से है, वह मौजूद ही नहीं है। जिस एंबुलेंस (UP41 AT 7171) में मुख्तार को पेशी के लिए लाया गया उसकी रजिस्ट्रेशन की मियाद वर्ष 2015 में ही खत्म हो चुकी है। यही नहीं एंबुलेंस की फिटनेस की मियाद भी वर्ष 2017 में खत्म हो चुकी है। इतना ही नहीं एंबुलेंस पर लिखा अस्पताल का नाम और रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर भी फर्जी है।
मुख्तार की पत्नी ने राष्ट्रपति से लगाई गुहार
उधर, इन विवादों के बीच मुख्तार अंसारी की पत्नी अफशां अंसारी ने राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को पत्र लिखा है। इस पत्र में उन्होंने पति मुख्तार अंसारी को पंजाब से उत्तर प्रदेश लाने के दौरान कड़ी सुरक्षा के इंतजाम सुनिश्चित करने का आदेश देने की गुहार लगाई है।
गौरतलब है कि यूपी सरकार मुख्तार अंसारी को पंजाब से वापस लाने के लिए लगातार कोशिशें कर रही है। मगर, पंजाब सरकार मुख्तार अंसारी को कोई न कोई कारण बनाकर रोक रही थी। हालांकि, इस मामले में बीती 26 मार्च को सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुनाते हुए पंजाब सरकार को मुख्तार अंसारी को दो सप्ताह के अंदर यूपी भेजने के निर्देश दिए थे। इसी क्रम में मुख्तार अंसारी को बीते बुधवार मोहाली की एक अदालत में पेश किया गया था। इस दौरान मुख्तार यूपी के नंबर की एम्बुलेंस में कोर्ट गया था और व्हील चेयर पर बैठकर कोर्ट में पेश हुआ था। इस केस की अगली सुनवाई 12 अप्रैल को होगी।