सुप्रीम कोर्ट ने मुहर्रम का जुलूस निकालने की मांग वाली याचिका को खारिज कर दिया है। शीर्ष अदालत ने कहा कि अगर जुलूस निकालने की इजाजत देंगे तो इससे अराजकता फैलेगी। कोर्ट ने साथ ही पुरी रथयात्रा की इजाजत क्यों दी यह भी बताया। मौलान कल्बे जव्वाब ने पूरे देश में मुहर्रम जुलूस निकालने की मांग वाली याचिका दायर की थी।
एक समुदाय पर निशाना सधेगा- SC
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि अगर हम जुलूस निकालने की इजाजत देंगे तो इससे आराजकता फैलेगी और फिर एक समुदाय विशेष को कोरोना फैलाने के नाम पर निशाना बनाया जाएगा, जो सुप्रीम कोर्ट नहीं चाहेगा। कोर्ट ने कहा कि वह ऐसा कोई आदेश नहीं देगा जिससे लोगों के स्वास्थ्य को खतरा हो। चीफ जस्टिस एसए बोबडे की पीठ ने कहा कि मुहर्रम जुलूस के लिए कोई स्पष्ट स्थान नहीं होता हैं, जहां प्रतिबंध या सावधानी बरती जा सकें।
जगन्नाथपुरी रथयात्रा का भी दिया हवाला
सुप्रीम कोर्ट में याचिकाकर्ता के वकील ने जगन्नाथपुरी यात्रा की दलील दी तो अदालत ने कहा कि आप पूरे देश के लिए इजाजत मांग रहे हैं। जगन्नाथपुरी यात्रा एक खास जगह पर होती हैं, जहां रथ एक जगह से दूसरी जगह जाता है। अगर किसी एक जगह की बात होती तो हम खतरे का आकलन कर आदेश दे सकते थे।
पुरी रथयात्रा पर मुश्किल से दी थी इजाजत
बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने पहले जगन्नाथपुरी रथयात्रा की इजाजत नहीं दी थी। चीफ जस्टिस बोबडे ने उस सुनवाई के दौरान कहा था अगर हम यात्रा की इजाजत देते हैं तो भगवान जगन्नाथ हमें माफ नहीं करेंगे। महामारी के समय ऐसे आयोजन नहीं हो सकते हैं। लोगों के स्वास्थ्य के लिए आदेश जरूरी हैं। हालांकि बाद में कई पुनर्विचार याचिका दाखिल होने के बाद सुप्रीम कोर्ट ने कड़ी शर्तों के साथ यात्रा की इजाजत दी थी।