बरेली/लखनऊ। जब हमने उद्योग जगत में कदम रखा था तो लघु उद्योग बहुत थे लेकिन उनको लेकर जागरूकता नहीं थी। हालांकि सरकार इन उद्योगों को बढ़ावा दे रही थी। उन दिनों भी सब्सिडी अच्छी मिलती थी।
लेकिन, इंफ्रास्ट्रक्चर की कमी थी। उद्योग लगाने वालों को लेकर एक आमधारणा था कि सब्सिडी और आसानी से लोन लेने के लिए आए हैं और कुछ दिनों में भाग जाएंगे। इतना ही नहीं लघु उद्योगों को शुरू करने के लिए लिमिट भी कम थी। लेकिन, तबसे लेकर अब तक काफी बदल चुका है।
खासकर बीजेपी की सरकार आने के बाद लघु उद्योगों को बढ़ावा देने की कवायद बढ़ी है। लोग अब खुलकर आ रहे हैं। अब उद्यमियों को हेय दृष्टि से नहीं देखा जाता है। यह बातें रविवार को इंडियन इंडस्ट्रीज एसोसिएशन के सेंट्रल एग्जक्यूटिव मेंबर दिनेश गोयल ने कहीं।
वे ‘द इंस्टिट्यूट ऑफ चार्टर्ड अकाउंटेंट्स ऑफ इंडिया’ की ओर से ‘एमएसएमई एंड स्टार्टअप स्कीम अपार्चुनिटिज फॉर सीए’ विषयक ऑनलाइन सेमिनार को संबोधित कर रहे थे। इस सेमिनार का आयोजन सीआईआरसी की बरेली ब्रांच की ओर से किया गया था। जिसमें अलीगढ़ और मथुरा ब्रांच के लोग भी शामिल हुए।
दिनेश गोयल ने कहा कि लघु उद्योगों को खड़ा करने में चार्टर्ड अकाउंटेंट्स (सीए) की भूमिका काफी अहम होती है। एमएसएमई की यूनिट इंडिया में लाखों की संख्या में हैं। यह एक सकारात्मक संकेत है। एमएसएमई की भूमिका देश की अर्थव्यस्था में महत्वपूर्ण है। देश में 40 फीसदी रोजगार का माध्यम एमएसएमई सेक्टर में मिल रहा है। देश की जीडीपी ग्रोथ में इस सेक्टर का रोल सबसे बड़ा है। यही कारण है कि सरकार भी एमएसएमई सेक्टर को लेकर गंभीर है।
दिनेश गोयल ने बताया कि सरकार भी लघु उद्योग से जुड़े लोगों का विशेष ख्याल रख रही है। लोगों का नुकसान होने पर भरपाई की कोशिश करती है। सेल टैक्टस ने कई लाभ दिए हैं। यही कारण है कि एमएसएमई से जुड़े कई उत्पाद को हम चीन तक को निर्यात कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि स्टार्ट अप तो पहले भी थे लेकिन लोगों में इसकी जागरूकता की कमी थी।
लेकिन, बीजेपी सरकार ने नया सोच रखने वालों को स्टार्ट अप का मौका दिया। उनके विचारों के आड़े आ रही धन की कमी को सरकार ने पूरा किया। इसके बाद नये आइडिया सामने आए। अब चार्टर्ड अकाउंट के रूप में हमारी जिम्मेदारी है नये विचारों वाले लोगों की पहचान करें। उनको मौका दें। उनको लाभों की जानकारी दें।
ऋषि रंजन गोयल ने दी महत्वपूर्ण जानकारियां
बरेली के डिपार्टमेंट ऑफ इंडस्ट्री के एडिशनल कमिशनर ऋषि रंजन गोयल ने एमएसएमई डवलपमेंट एक्ट 2006 के बारे में जानकारी दी। उन्होंने बताया कि इसके तहत कई ऐसी चीजें हैं जिससे एमएसएमई को समझने में आसानी होगी। साथ ही यह कई प्रकार की छूट भी देता है। उन्होंने इसके अलावा निवेश मित्र पोर्टल का जिक्र करते हुए कहा कि इस पर लघु उद्योगों से जुड़े कई मामलों की जानकारी मिलती है।
उन्होंने कहा कि किसी को व्यवसाय शुरू करना है तो निवेश मित्र पोर्टल से अच्छी मदद मिल सकती है। इस पोर्टल की मदद से 72 घंटे में आप अपना बिजनेस शुरू कर सकते हैं। यहां से अप्रूवल मिलने के बाद 1000 दिन की छूट मिलती है, जिसमें आप अपने दूसरे कागजात बनवा सकते हैं। मसलन, व्यवसाय को शुरू करने का लाइसेंस नहीं है और निवेश मित्र पोर्टल से आपने अप्रूवल लिया हुआ है तो एक हजार दिन तक आपको कोई कानूनी दिक्कत नहीं आएगी। ऐसी ही कई महत्वपूर्ण जानकारी उन्होंने दी।
ऋषि रंजन गोयल ने कहा कि एमएसएमई पॉलिसी 2017 को भी जानने की जरूरत है। इसमें जीएसटी का 90 फीसदी रिंबर्समेंट होता है। हालांकि उसकी कुछ शर्तें भी होती हैं। इसके अलावा उन्होंने प्लांट मशीनरी लोन के बारे में भी बताया। इलेक्ट्रिसिटी कंजंप्शन आदि के बारे में भी पॉलिसी के जरिए मिलने वाली छूट की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि प्लाट खरीदने के समय स्टांप ड्यूटी में 100 फीसदी छूट मिल सकती है। साथ ही इंटरेस्ट रेट में भी क्रेता और विक्रेता को लाभ मिलने की संभावनाएं होती हैं।
उन्होंने बताया कि उद्यमियों की मदद के लिए उद्योग बंधु समिति कई स्तरों पर बनी हुईं हैं। राज्य स्तरीय उद्योग बंधु समिति का चेयरमैन मुख्यमंत्री होते हैं। यह फोरम उद्यमियों की मदद के लिए बनी हुई हैं। उन्होंने रिफंड प्रक्रिया के बारे में भी कई महत्वपूर्ण जानकारी दी। उन्होंने बताया कि बरेली में चार्टर्ड अकाउंटेंट का ग्रुप है। यह उद्यमियों की मदद के लिए बनाया गया है।
इनसे रिफंड संबंधी जानकारियों को समझने में काफी आसानी होती है। उन्होंने रिफंड प्रक्रिया के बारे में बताते हुए कहा कि एमएसएमई पॉलिसी के अंतर्गत दो फॉर्म भरने होते हैं। इनमें पूरी डिटेल भरने के बाद जिला प्रशासन के यहां जमा करना होता है। यही नोडल होता है। वहां से फॉर्म चेक होने के बाद प्रक्रिया आगे बढ़ती है। अगर सभी चीजें सही पाई जाती हैं तो रिफंड तत्काल हो जाता है।
स्टार्ट अप को शुरू करने के आइडियाज किए साझा
यूपी स्टार्ट अप पॉलिसी एडवाइजर प्रणव द्विवेदी ने इस दौरान स्टार्ट अप को शुरू करने के आइडियाज साझा किए। उन्होंने कहा कि 90 फीसदी स्टार्टअप प्लानिंग, फंडिंग, माहौल आदि के कारण विफल होते हैं।
ऐसे में चार्टर्ड अकाउंटेंट की भूमिका काफी बढ़ जाती है। उन्होंने आईपीएल जैसे आयोजनों में सीए की भूमिका का जिक्र करते हुए बताया कि कैसे बड़े प्लान को तैयार किया जाता है। इसके अलावा उन्होंने अमेजन, गूगल, एप्पल, वॉलमार्ट जैसी कंपनियों की सफलता के बारे में जानकारी दी।
सीआईआरसी कानपुर के मेंबर अतुल मेहरोत्रा ने भी एमएसएमई की भूमिका के बारे में अपने विचार व्यक्त किए। उन्होंने उद्यमियों को सावधानी बरतने आदि के बारे में जानकारी दी। इसके अलावा बरेली ब्रांच के चेयरमैन सुधीर मेहरोत्रा, मथुरा ब्रांच के चेयरमैन संजीव कुमार अग्रवाल और अलीगढ़ ब्रांच के चेयरमैन राजीव वार्ष्णेय आदि ने भी अपने विचार रखे।