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MSME 2021: कोरोना काल में नई कंपनियों को नुकसान, 70 से 80 फीसदी पड़ा असर…

MSME 2021: कोरोना काल में नई कंपनियों को नुकसान, 70 से 80 फीसदी पड़ा असर

LUCKNOW: MSME 2021 के मौके पर आज हर जगह बात सिर्फ और सिर्फ उद्योगों और इससे जुड़े लोगों की हो रही है। कोरोना काल से लेकर अबतक उद्योगों पर क्या असर पड़ा और आगे क्या असर होगा। इसपर भारत खबर ने कई बड़े उद्यमियों और अधिकारियों से उनकी राय जानने की कोशिश की है। ताकि आप लोगों तक उद्योगों से जुडी सही और सटीक जानकारी पहुंच सके है।

SB जखोटिया ने कहा नई कंपनियां को हुई सबसे ज्यादा परेशानी

SB जकाठिया से हमने आज एमएसएमई की बड़े मौके पर अपनी राय रखी है। उन्होने बात करत हुए सबसे पहले कहा कोरोना से सबसे ज्यादा असर नई इंडस्ट्री पर पड़ा है। जिनका सामान बिक भी नहीं पाया। जो सामान बाजार में गया उसका पेमेंट भी नहीं आया और लॉकडाउन लग गया। ऐसे में नई इंडस्ट्री को काफी नुकसान का सामना करना पड़ा है।

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जीएसटी और कर्मचारियों की समस्या

लॉकडाउन के बाद सरकार ने निर्देश दिया था कि कोई भी कर्मचारियों की सैलरी नहीं रोकेगा। पर सरकार ने इंडस्ट्री के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठाया। इंडस्ट्री को जीएसटी भी भरनी थी। बिजली का बिल भी भरना था। बैक का कर्ज भी भरना था। कर्मचारियों को टाइम पर सैलरी भी देनी है। पर इंडस्ट्री के लिए सहायता नहीं दी गई है। जो कि काफी दुर्भाग्यपूर्ण रहा है। बैकों ने अभी से रिकवरी के लिए अपना प्रोसेस शुरू कर दिया है। अब जब बाजार खुल गए है और लॉकडाउन हटा दिया गया है। तो ऐसे में इंड्रस्टी को काफी उम्मीदे है।

उद्योगों और इंडस्ट्री पर हमने आगे बात की अतुल गोयल सेMSME NEWS 2 MSME 2021: कोरोना काल में नई कंपनियों को नुकसान, 70 से 80 फीसदी पड़ा असर...

एमएसएमई 2021 पर उद्योगों पर हमने कई बड़े उद्यमियों के बारे में बात की, हमने इस कड़ी में आगे बात की अतुल गोयल से। अतुल गोयल ने कहा कि इंडस्ट्री के लिए पिछला कुछ समय अच्छा नहीं गया है। कोरोना काल में लगभग 70 से 80 फीसदी इंडस्ट्री पर असर पड़ा है। कंपनियों का पैसा बाजार में ही फंसा है। बैक नई इंडस्ट्री को ब्याज पर छूट भी नहीं दे रही है। सरकार ने भी इस मसले अभी तक कोई मदद नहीं की है।

बिजली पर डिस्काउंट और ब्याज पर कुछ राहत मिलनी चाहिए

अतुल गोयल ने चिंता जाहिर करते हुए कहा कोरोना काल में अचानक ने नई इंडस्ट्रियों की कमर तोड़ कर रख दी। इनका अधिकांश पैसा बाजार में ही फंसा रहा। और इन्हे समय पर जीएसटी-बैक का ब्याज भरना पड़ा। साथ ही कर्मचारियों की तनख्वाह भी देनी पड़ी। सरकार को इन इंडस्ट्री के लिए कुछ करना चाहिए। सरकार को कम से कम बिजली के बिल पर डिस्काउंट दिलाना चाहिए। और बैक की किश्तों में टाइम बढ़वाना चाहिए। नहीं तो कुछ इंड्रस्टी पूरी तरह से बर्बादी की कागार पर आ जाएगी।

पिछले साल मिली थी थोड़ी राहत

अतुल गोयल ने पिछले साल का जिक्र करते हुए कहा जब कोविड की शुरूआत हुई थी तब धंधा काफी अच्छा चल रहा था। अचानक बंदी से इंडस्ट्री और बाजार दोनों को भारी नुकसान हुआ था। लेकिन सरकार ने उस समय इन इंडस्ट्री की किश्तों को आगे बढ़वाया था। जिससे उद्मियों को काफी राहत मिली थी। लेकिन इस बार ऐसा नहीं हुआ है। बैकों ने अभी से अपनी रिकवरी करनी शुरू कर दी है। हम उम्मीद करते है सरकार ऐसे इंड्स्ट्री के लिए कुछ राहत जरूर देगी।

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