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एयर इंडिया को बेचने के बीजेपी के फैसले का सांसद सुब्रमण्यम स्वामी ने किया विरोध, जाने क्या कहा

सुब्रहम्णयम स्वामी एयर इंडिया को बेचने के बीजेपी के फैसले का सांसद सुब्रमण्यम स्वामी ने किया विरोध, जाने क्या कहा

नई दिल्ली। एअर इंडिया को बेचने की तैयारी शुरू हो गई है। मोदी सरकार ने सोमवार को प्रारंभ‍िक जानकारी वाला मेमोरंडम जारी कर दिया। सरकार के इस प्रस्ताव के खिलाफ बीजेपी सांसद सुब्रमण्यम स्वामी खड़े हो गए हैं। बीजेपी सांसद सुब्रमण्यम स्वामी ने ट्वीट के जरिए फैसले का विरोध करते हुए कहा कि यह सौदा पूरी तरह से देश विरोधी है और मुझे कोर्ट जाने के लिए मजबूर होना पड़ेगा। हम परिवार की बेशकीमती चीज को नहीं बेच सकते।

भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के वरिष्ठ नेता और राज्यसभा सांसद सुब्रमण्यम स्वामी पहले भी एअर इंडिया को बेचने की सरकार की योजना से नाराजगी जता चुके हैं। माना जा रहा है कि केंद्र के इस फैसले को लेकर राजनीतिक और कानूनी अड़चन पैदा हो सकती है। सुब्रमण्यम स्वामी एअर इंडिया को लेकर बोली प्रक्रिया के लिए उठाए गए कदम के खिलाफ पहले भी चेतावनी दे चुके हैं। उन्होंने यह कहते हुए भी इसकी आलोचना की कि इस मुद्दे पर फिलहाल संसदीय पैनल द्वारा चर्चा की जा रही है।

उन्होंने पिछले दिनों कहा था कि अभी यह (एअर इंडिया विनिवेश) परामर्शदात्री समिति के सामने है और मैं इसका एक सदस्य हूं. मुझे एक नोट देने के लिए कहा गया है, जिस पर अगली बैठक में चर्चा की जाएगी। वे इसके बिना आगे नहीं बढ़ सकते। उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा था अगर वे ऐसा करते हैं तो मैं अदालत जाऊंगा, वे यह भी जानते हैं। मोदी सरकार की ओर से जारी बिड डॉक्यूमेंट के मुताबिक एअर इंडिया एक्सप्रेस की 100 फीसदी हिस्सेदारी बेची जाएगी। इसके अलावा एअर इंडिया और SATS की जॉइंट वेंचर कंपनी AISATS में एअर इंडिया की 50 फीसदी हिस्सेदारी बेची जाएगी। एअर इंडिया का मैनेजमेंट कंट्रोल भी बोली जीतने वाली कंपनी को मिल जाएगा। सरकार ने एअर इंडिया के लिए एक्सप्रेशन ऑफ इंट्रेस्ट (EoI)यानी अभ‍िरुचि दिखाने के लिए 17 मार्च तक की डेडलाइन जारी की है।

समाचार एजेंसी आईएएनएस ने सूत्रों के हवाले से बताया है कि एअर इंडिया के लिए संभावित बिडर्स में टाटा समूह, हिंदुजा, इंडिगो, स्पाइसजेट और कई निजी इक्विटी कंपनियां शामिल हैं। हालांकि माना जा रहा है कि एअर इंडिया की नीलामी में शामिल होने के लिए कई विदेशी कंपनियां भारतीय कंपनियों से साझेदारी कर सकती हैं। घाटे में चल रही एअर इंडिया पर हजारों करोड़ रुपये का कर्ज है, जिसमें विमानों की खरीद और कार्यशील पूंजी हेतु लिए गए दीर्घकालिक कर्ज भी शामिल हैं। विनिवेश योजना की जानकारी रखनेवाले एक अधिकारी ने बताया, ‘अब एअर इंडिया पर महज 18,000 करोड़ रुपये का कर्ज है। जब इसके लिए बोली आमंत्रित की जाएगी, तो उसमें खातों में 18,000 करोड़ का कर्ज ही दिखाया जाएगा।

 

 

 

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