लखनऊ: उत्तर प्रदेश सरकार की आधिकारिक वेबसाइट फिल्म बंधू पर भोजपुरी फिल्म ‘पंडितजी बताई न ब्याह कब होई-2’ को गलत ढंग से अनुदान देने के आरोप लगे हैं। अब एक्टिविस्ट डॉ. नूतन ठाकुर ने इन आरोपों की जांच की मांग की है।
डॉ. नूतन ठाकुर ने सीएम योगी आदित्यनाथ को भेजे शिकायती पत्र में कहा कि, इस फिल्म को 82.52 लाख रुपए का अनुदान दिया गया। लेकिन फिल्म के निर्माता रवि किशन और समीर त्रिपाठी द्वारा तमाम आवश्यक अभिलेख प्रस्तुत नहीं किये गए। साथ ही कई फर्जी अभिलेख भी लगाए गए दिखते हैं।
यूपी के अभिनेताओं के नाम पर अतिरिक्त अनुदान
एक्टिविस्ट ने कहा कि, निर्माताओं ने नियमानुसार फिल्म के व्यय के बीजक नहीं लगाये थे। इसी प्रकार इस फिल्म के 5 प्रमुख अभिनेताओं के उत्तर प्रदेश के निवासी होने के नाम पर 14.33 लाख रुपए का अतिरिक्त अनुदान मिला, लेकिन निर्माता ने इनके निवास प्रमाणपत्र उपलब्ध नहीं कराये थे।
उन्होंने आगे लिखा कि, इसी तरह रवि किशन और समीर त्रिपाठी ने दो अलग-अलग चार्टर्ड अकाउंटेंट से फिल्म के कुल लागत का प्रमाणपत्र उपलब्ध कराया, जिसमें संजीव श्रीराम वर्मा ने लागत 3,81,81,000 रुपए और एन आर गोलचा ने लागत 2,18,01,662 रुपए का प्रमाणपत्र दिया, जो सीधे फर्जीवाड़ा दिखता है।
मामले की जांच और एफआइआर की मांग
डॉ. नूतन ठाकुर ने पत्र में लिखा, इसी तरह नियमों के विपरीत निर्माताओं ने तीन वर्षों का आयकर रिटर्न भी फिल्म बंधू को उपलब्ध नहीं कराया था। जिलाधिकारी भदोही द्वारा फिल्म की शूटिंग के संबंध में कथित रूप से निर्गत प्रमाणपत्र भी संदिग्ध है, जिसकी जांच आवश्यक है। उन्होंने इन तथ्यों की उच्चस्तरीय जांच कराते हुए आरोप साबित होने पर फिल्म अनुदान वापस लेने और एफआइआर दर्ज कराए जाने की मांग की है।