मध्य प्रदेशः खंडवा से दिल को आहत करने वाला एक वाकया सामने आया है। जिसमें अंधविश्वास की शिकार मां ने अपनी नवजात बेटी की उंगलियां काट दी हैं। फिर जो हुआ उसका खमियाजा नवजात बेटी को भुगतना पड़ा। नवजात को अपनी मां के इस अंधविश्वास की कीमत जानदेकर चुकानी पड़ी। जी हां उंगलियां काटने के बाद इंफेक्शन होने से नवजात ने 6 घंटे के अंदर ही दम तोड़ दी। घटना की जानकारी स्वास्थ्य विभाग को दो दिन बाद लगी तो वह दंग रह गए। बीएमओ ने फौरन महिला के घर पहुंचकर पंचनामा किया और जिम्मेदार कर्मचारियों को नोटिस पकड़ा दिया। मालूम हो कि घटना आदिवासी इलाके के खालवा के ग्राम सुंदरदेव की है।
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गौरतलब है कि सुंदरदेव गांव निवासी रामदेव की पत्नी ने शनिवार रात एक बेटी को जन्म दिया। नवजात के हाथ व पैरों में छह-छह अंगुलियां थी। जिसको किसी ने उसकी मां अशुभ होना बता दिया। कथित अशुभ संकेत से घबराई मां ने फसल काटने वाले हंसिये से निकाला और बच्ची की एक-एक अंगुली ही काट दी। घटना को 6 घंटे ही बीते थे कि बच्ची की कटी उंगलियों के घावों पर इंफेक्शन हो गया। सोमवार को नवजात ने आखिरी सांस ली। इस मौत की जानकारी गांव में फैली और स्वास्थ्य प्रशासन तक पहुंच गई जिसके बाद बीएमओ हरकत में आया।
बीएमओ ने सुंदरदेव गांव पहुंचकर रामदेव की पत्नी से बीएमओ ने बात की तो उसने छठी अंगुली को अशुभ बताते हुए काटना स्वीकार किया। बीएमओ ने घटना के लिए जिम्मेदार मानते हुए सुपरवाइजर, एएनएम, आशा कार्यकर्ता व सहयोगिनी को नोटिस दिया। गौरतलब है कि खालवा ब्लाक के जिस गांव में यह घटना हुई वह इलाका आदिवासी हैं, लोग जंगल में बसे हैं। प्रशासन को पहुंचने में दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। प्रसव की घटना होने पर जननी एक्सप्रेस या 108 को सूचना नहीं दे पाते। दूसरा कारण है कि आदिवासी अंधविश्वास की वजह से अस्पताल में प्रसव कराने से आनाकानी करते हैं।