एक औरत जिसने अपने पूरे जीवन को लोंगो के सेवा मे लगा दिया, उसने दिन रात मेहनत कर मिशनरीज ऑफ चैरिटी बनाया ताकि अनाथों को रहने की एक जगह मिल जाए। हम उसी मदर टेरेसा के बारे मे बात कर रहे हैं जिन्होने भारत मे जन्म तो नही लिया था लेकिन भारतवासियों के लिए उनका योगदान काफी अहम है। अगर आज वो इस दूनिया मे होती तो जीते जी मर जाती। उनकी संस्था मिशनरीज ऑफ चैरिटी पर नवजात के खरीद फरोख्त को आरोप लगा है। मामले मे अब तक एक कर्मचारी की गिरफ्तारी हो चुकी है और पुलिस को कहना है कि अभी भी एकआद कर्मचारी शक के दायरे मे है ।
आपको बता दे कि ये खुलासा (CWC) यानि कि चाइल्ड वेलफेयर कमिटी ने किया है। चाइल्ड वेलफेयर कमिटी ने एक शिकायत के बिनाम पर ये कारवाई की है और ये भांडाफोड़ हुआ। आरोप है कि चैरिटी होम की महिला संचालक ने कुछ अन्य कर्मचारियों के साथ मिलकर आधा दर्जन नवजात को अबतक बेच चुकी है। वो एक बच्चे को लगभग 1 लाख 20 हजार रुपयों मे बेचती थी और पैसों को बंटवारा सबमे हो जाता था। चैरिटी की महिला कर्मी अनिमा इंदवार ने यूपी के एक जोड़े से पैसे लेने का बावजूद बच्चा नही दिया, जिसके बाद उस जोड़े ने चाइल्ड वेलफेयर कमिटी को शिकायत की और जांच मे ये सब खुलासा हुआ। फिलहाल अनिमा इंदवार हिरासत मे है, और पुलिस के मुताबिक आरोपियों ने पुलिस के समक्ष बच्चों के बेचने की बात कबूल कर ली है।
ये बहुत निराशाजनक है कि एक चैरिटी मे इस तरह की घटनाँए हो रही है। जिन लोंगो पर बच्चो को संभालने का जिम्मा है, अगर वो ही ऐसी नीच हरकत करेंगे तो फिर इस समाज को क्या होगा?