सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद राम मंदिर की आधारशिला रख दी गई है। इसके बाद ही राम मंदिर का निर्माण भी शुरू हो गया है। इस बीच अयोध्या में बाबरी मस्जिद के टूटने के बाद 5 एकड़ जमीन में नई मस्जिद का निर्माण कराया जा रहा है।
अयोध्या शहर के बाहर 5 एकड़ जमीन पर बनने वाली मस्जिद का नाम बाबर के नाम पर नहीं होगा, बल्कि मस्जिद को उसी नाम से जाना जाएगा, जिस जगह पर यह बनने जा रही है।मस्जिद निर्माण के लिए बनाए गए ट्रस्ट की ओर से कहा गया है कि वह इस बार किसी भी विवाद में नहीं फंसना चाहते हैं। इसके चलते अब किसी भी शासक के नाम पर मस्जिद का नाम नहीं होगा।
सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड की ओर से गठित इस्लामिक कल्चरल फाउंडेशन के सचिव अतहर हुसैन का कहना है, ‘मस्जिद के लिए 5 एकड़ जमीन अयोध्या के रौनाही कस्बे के धन्नीपुर में दी गई है। ऐसे में अब धन्नीपुर में ही मस्जिद का निर्माण होगा तो मस्जिद का नाम भी धन्नीपुर गांव के नाम पर ही होगा।’ उन्होंने बताया है कि पहले मस्जिद के नामों में अमन मस्जिद और सूफी मस्जिद पर भी विचार किया गया था लेकिन अब इस मस्जिद का नाम धन्नीपुर ही होगा।
इसके साथ ही खबर है कि, जमीन पर सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड हॉस्पिटल, लाइब्रेरी, कम्युनिटी किचन और रिसर्च सेंटर का निर्माण कराएगा. वक्फ बोर्ड ने इसके लिए ‘इंडो-इस्लामिक कल्चरल फाउंडेशन’ नाम से ट्रस्ट का गठन भी कर दिया है। इंडो-इस्लामिक कल्चरल फाउंडेशन ने इन सुविधाओं के निर्माण की आधारशिला रखने के लिए यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को आमंत्रित करने की बात कही है। ट्रस्ट के सचिव और प्रवक्ता अतहर हुसैन ने शनिवार को इस बारे में जानकारी दी।
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खबरों की मानें तो आने वाले 2 से 3 महीने में मस्जिद का निर्माण हो जाएगा। अयोध्या के लोगों में इस खास मस्जिद को लेकर खास उत्साह देखने को मिल रहा है।