भागलपुर: बिहार में कोरोना संक्रमण के एक दिन में अब 10 हजार से ज्यादा मामले सामने आने लगे हैं। वहीं, भागलपुर जिला अभी भी कोरोना हॉटस्पॉट बना हुआ है।
भागलपुर जिले में पिछले एक सप्ताह में 100 से ज्यादा कोरोना मरीजों की मौत हुई है। यहां सरकारी और निजी अस्पतालों की जो व्यवस्था है, वह नाकाफ़ी होती दिख रही है। प्रशासन तो अलर्ट है, मुस्तैदी दिखा भी रही है, लेकिन बावजूद इसके अस्पतालों में मुस्तैदी नहीं दिख रही है।
शवदाह गृह कर्मियों को नहीं मिल रहा वेतन
भागलपुर में विद्युत शवदाह गृह के ऑपरेटर राहुल राय और दूसरे लोगों का कहना है कि शव के अंतिम संस्कार को किसी तरह मैनेज कर चला रहे हैं। उन लोगों को पिछले 10 माह से वेतन नहीं मिला है। नगर निगम सिर्फ भरोसा दे रहा है।
यह नहीं, सरकारी और निजी अस्पताल की अच्छी व्यवस्था नहीं रहने के कारण कोविड से मौत पर परिजन भी परेशान हैं। पीरपैंती के चंदन सिंह का कहना है कि सरकारी अस्पताल में डर से नहीं गए और सरकार द्वारा कोविड काल में अधिकृत निजी अस्पताल में अपने मरीज को ले गए तो वहां उनकी मौत हो गई।
कोरोना नियमों का पालन जरूर
इन बातों से साफ जाहिर होता है कि भागलपुर के अस्पतालों में उचित इलाज नहीं हो रहा है। श्मशान घाटों की डराती तस्वीरें और आंसू बहाते परिजन यही कह रहे हैं कि लोगों को कोरोना नियमों का पालन करते हुए कोरोना को हराना होगा।
नोट- भारत खबर के लिए सहयोगी श्यामानंद के साथ अतीश दीपंकर की विशेष रिपोर्ट।