नई दिल्ली : संसद के मॉनसून सत्र के आखिरी दिन विपक्ष का जोरदार हंगामा देखने को मिला। कांग्रेस समेत कई विपक्षी पार्टियों ने राफेल डील मुद्दे पर संसद के बाहर विरोध प्रदर्शन किया जिसमें यूपीए चेयरपर्सन सोनिया गांधी भी शामिल हुई। सोनिया गांधी ने राफेल डील मामले की जांच के लिए संयुक्त संसदीय समिति बनाने की मांग की।
इन पार्टियों ने लिया हिस्सा
राफेल डील के मुद्दे पर संसद परिसर में जारी विरोध प्रदर्शन में कांग्रेस, सीपीआई, राष्ट्रीय जनता दल और आम आदमी पार्टी के सांसदों ने भी हिस्सा लिया। वहीं सोनिया गांधी ने कहा कि तीन तलाक बिल को लेकर कांग्रेस पार्टी की स्थिति पहले से स्पष्ट है, वो इसके आगे कुछ भी नहीं कहेंगी। इसके अलावा कांग्रेस ने सदन में भी इस मुद्दे को उठाया।
कांग्रेस नेता ने लगाए आरोप
राज्यसभा में कांग्रेस नेता आनंद शर्मा ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उनकी सरकार पर आरोप लगाए। उन्होंने कहा कि विपक्ष को एक बार भी मौका नहीं मिला है और हम चाहते हैं राफेल डील पर चर्चा हो, हमने इसपर नोटिस भी दिया है। आजाद ने कहा कि राफेल विश्व का सबसे बड़ा घोटाला है और इसपर जेपीसी बननी ही चाहिए।
बीजेपी नेता ने दी सफाई
वहीं इसके जवाब में विजय गोयल ने कहा कि संसद कानून बनाने के लिए है न कि बेबुनियाद और झूठे आरोप लगाने के लिए। उन्होंने कहा कि आप प्रधानमंत्री पर झूठे आरोप लगा रहे हैं। उन्होंने कहा कि आप लोगों ने सदन में भाजपा अध्यक्ष अमित शाह को बोलने नहीं दिया, किसानों के मुद्दे पर चर्चा नहीं होने दी गई। गोयल ने कहा कि सदन में किसी को प्रधानमंत्री पर झूठे आरोप लगाने का अधिकार नहीं है।
राफेल ड़ील पर उठाए सवाल
बता दें कि संसद में विश्वास मत के दौरान राहुल गांधी ने राफेल डील पर सवाल उठाए थे। उन्होंने आरोप लगाया था कि राफेल डील में घपला हुआ है और विमानों की कीमत ज्यादा कर दी गई है। रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण ने राफेल डील को लेकर देश से झूठ बोला है। हालांकि फ्रांस ने इन सभी आरोपों को खारिज कर दिया था।
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by ankit tripathi