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मुद्रा कोष का दावा: भारत की अर्थव्यवस्था 7.4 फीसदी से 7.8 फीसदी होने का अनुमान

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नई दिल्ली। कर्नाटक चुनाव और 2019 के आम चुनावों से पहले मोदी सरकार के लिए एक अच्छी खबर सामने आई है। अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष ने भारत की अर्थव्यवस्था के चालू वित्त वर्ष में 7.4 फीसदी से बढ़कर 7.8 फीसदी रहने का अनुमान लगाया है। आईएमएफ ने नोटबंदी और जीएसटी के नकारात्मक प्रभाव खत्म होने भारत की अर्थव्यवस्था के तेजी से बढ़ने की आशंका जताई है। बता दें कि विश्व में एशिया वैश्विक अर्थव्यवस्था में सबसे ऊपर आता है, जिसका ग्लोबल ग्रोथ 60 फीसदी से ज्यादा का है। इसका तीन चौथाई अकेल चीन और भारत वहन करते हैं। 82b16b5c8e मुद्रा कोष का दावा: भारत की अर्थव्यवस्था 7.4 फीसदी से 7.8 फीसदी होने का अनुमान

आईएमएफ के रीजनल इकोनॉमिक आउटलुक: एशिया एंड पैसिपिक के मुताबिक अभी आगे जोखिम भरी चुनौतियां भी हैं, जिनमें मुश्किल वैश्विक वित्तीय हालत, इनवर्ड लुकिंग पॉलिसी की ओर शिफ्ट, लंबे समय की अवधि जनसंख्या की आयुर्वृद्धि, धीमी प्रोडक्टिविटी ग्रोथ और डिजिटल इकनॉमी में तेजी से शामिल है। इस साल और अगले साल एशिया 5.6 फीसदी की दर से बढ़ सकता है। साथ ही इस आउटलुक को मजबूत वैश्विक मांग, उदार नीतियां और वित्तीय स्थिति समर्थन करेंगी। वित्त वर्ष 2018-19 में भारत की 7.4 फीसद की ग्रोथ का अनुमान लगाया गया है।

चालू वर्ष में चीन 6.6 फीसद की दर से बढ़ेगा जो कि अगले साल तक 6.4 के स्तर पर आ जाएगा। एशिया में महंगाई दर के निम्न स्तर का उल्लेख करते हुए उसने कहा है कि बढ़ती तेल कीमतों के चलते सितंबर 2017 से ऊपर की ओर कुछ मूवमेंट देखने को मिली है।  हाल की रिपोर्ट में बताया गया है कि क्यों महंगाई इतनी कम रही है। उसने पता लगाया है कि वैश्विक कारक जिनमें कमोडिटी की कीमतें और आयातित महंगाई शामिल हैं, कम महंगाई के मुख्य कारण हैं। लेकिन ये कारक पलट भी सकते हैं और महंगाई बढ़ सकती है।

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