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मध्य प्रदेश में एक सप्ताह से जारी सियासी घटनाक्रम के बीच कमलनाथ सरकार के लिए सोमवार अग्निपरीक्षा का दिन

कमलनाथ 1 मध्य प्रदेश में एक सप्ताह से जारी सियासी घटनाक्रम के बीच कमलनाथ सरकार के लिए सोमवार अग्निपरीक्षा का दिन

भोपाल। मध्य प्रदेश में एक सप्ताह से जारी सियासी घटनाक्रम के बीच कमलनाथ सरकार के लिए सोमवार अग्निपरीक्षा का दिन है. तमाम सियासी गहमा-गहमी और दांव-पेचों के बीच सोमवार को शुरू होने वाले विधानसभा सत्र के पहले दिन ही राज्यपाल लालजी टंडन ने फ्लोर टेस्ट कराने का मास्टरस्ट्रोक चल दिया है, जिसके बाद अब कमलनाथ सरकार का भविष्य का फैसला विधानसभा स्पीकर नर्मदा प्रसाद प्रजापति के हाथों में है. ऐसे में पिछले 24 घंटों के अंदर कांग्रेस की ओर से सरकार बचाने तो बीजेपी की तरफ से सरकार गिराने की कवायद तेज हो गई है.

बता दें कि राज्यपाल लालजी टंडन ने मुख्यमंत्री कमलनाथ को पत्र भेजकर फ्लोर टेस्ट कराने के लिए कहा. राज्यपाल के पत्र के बाद कमलनाथ सरकार को बचाने के कानूनी रास्ते कांग्रेस खोज रही है. भोपाल से लेकर दिल्ली तक कांग्रेस के रणनीतिकार सक्रिय हैं. वहीं, बीजेपी भी कानूनी रास्ता तलाश रही है. कांग्रेस छोड़कर कमलनाथ सरकार को गहरे संकट में डालने वाले ज्योतिरादित्य सिंधिया ने भी दिल्ली में अपनी नई पार्टी बीजेपी के नेताओं के साथ रविवार को बैठक कर मंथन किया.

विधानसभा में फ्लोर टेस्ट होगा या नहीं, इस पर सस्पेंस अभी भी बरकरार है, लेकिन विधानसभा की जो कार्यसूची जारी की गई है, उसमें केवल राज्यपाल के अभिभाषण और धन्यवाद ज्ञापन का ही जिक्र है. इस सूची के जारी होने के बाद राज्यपाल लालजी टंडन ने मुख्यमंत्री को पत्र लिखा, जिसके बाद कमलनाथ ने राजभवन जाकर मुलाकात की.

राज्यपाल से मुलाकात के बाद कमलनाथ ने कहा कि लालजी टंडन ने फोन पर मुझे मिलने के लिए बुलाया था. वे विधानसभा की कार्यवाही सुचारू रूप से चलने के लिए मुझसे चर्चा करना चाहते थे. मैंने उनसे कहा कि मैं स्पीकर से बात करूंगा. फ्लोर टेस्ट पर फैसला स्पीकर करेंगे. यह मेरा काम नहीं है. मैंने राज्यपाल को बता दिया है कि मैं फ्लोर टेस्ट के लिए तैयार हूं, लेकिन इससे पहले बेंगलुरु में बंधक बनाए गए विधायकों को रिहा किया जाए.

कमलनाथ के बयान के बाद शिवराज चौहान ने कहा कि राज्यपाल ने निर्देश दिए हैं कि सरकार फ्लोर टेस्ट करवाए, लेकिन मुख्यमंत्री कहते हैं कि यह मेरा काम नहीं. वे कह रहे हैं कि यह स्पीकर का काम है. मुख्यमंत्रीजी! सदन में क्या कामकाज होगा, यह सरकार तय करती है. उसे पूरा करवाने के लिए स्पीकर कार्रवाई करते हैं. राज्यपाल ने मुख्यमंत्री को पत्र लिखा है कि आप विश्वास मत हासिल करें. मुख्यमंत्री फ्लोर टेस्ट की बात नहीं कर रहे. सरकार डर भी रही है और फ्लोर टेस्ट से भाग रही है.

दिलचस्प बात यह है कि कांग्रेस के बागी 16 विधायकों ने पहले वीडियो जारी करके अपना इस्तीफा देने की बात कही है. इसके बाद सभी बागी विधायकों ने रविवार को विधानसभा अध्यक्ष को खत लिखकर कहा है, ‘माननीय विधानसभा अध्यक्ष जैसा कि आपको पूर्व में भी अनुरोध किया है और आपको विदित है कि प्रदेश में कानून व्यवस्था की स्थिति खराब है और अनिश्चितता के इस वातावरण में मेरा आपके समक्ष उपस्थित होना संभव नहीं है इसलिए आप मेरा विधानसभा की सदस्यता से त्यागपत्र उन छह विधायकों जिनका त्यागपत्र आपने 14 मार्च 2020 को स्वीकार किया है उनकी तरह ही मेरा त्यागपत्र भी स्वीकार करें.’

विधानसभा सत्र से पहले कांग्रेस और बीजेपी दोनों ही पार्टियों के विधायक भोपाल पहुंच रहे हैं. कांग्रेस विधायक जयपुर से भोपाल पहुंच गए हैं. वहीं, गृह मंत्री अमित शाह के घर नरेंद्र सिंह तोमर और ज्योतिरादित्य सिंधिया की बैठक के बाद बीजेपी विधायकों को भोपाल रवाना कर दिया गया. रविवार रात दो बजे बीजेपी के 100 से ज्यादा विधायक भोपाल पहुंचे. बीजेपी के सभी विधायक हरियाणा के मानेसर में ठहरे हुए थे.

ज्योतिरादित्य सिंधिया के समर्थक विधायक बेंगलुरु के रिसॉर्ट में ठहरे उनके खेमे के 22 विधायक भी सोमवार सुबह भोपाल पहुंच सकते हैं. यह भी कहा जा रहा है कि विधायकों को फ्लोर टेस्ट के लिए बेंगलुरु से सीधे विधानसभा भी लाया जा सकता है. सिंधिया समर्थक विधायकों ने भोपाल आने से पहले सीआरपीएफ से सुरक्षा मांगी है.

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