featured देश धर्म भारत खबर विशेष

मोक्षदा एकादशीः आज के दिन व्रत रखने से मिलता है मोक्ष, जानें कैसे करें पूजा-पाठ

मोक्षदा एकादशीः आज के दिन व्रत रखने से मिलता है मोक्ष, जानें कैसे करें पूजा-पाठ

मोक्षदा एकादशी का व्रत मार्गशीर्ष मास में शुक्ल एकादशी को रखा जाता है।आज के ही दिन व्रत रखने से मिलता है मोक्ष इसी लिए इसे वैकुंठ एकादशी भी कहते हैं। माना जाता है कि आज के दिन व्रत करने से सभी प्रकार के पाप नष्ट हो जाते हैं और साथ ही व्रती को मोक्ष की प्राप्ति होती है। इसलिए इसका नाम मोक्षदा एकादशी है। धार्मिक मान्यता है कि मोक्षदा एकादशी के दिन कुरुक्षेत्र में भगवान श्रीकृष्ण ने अर्जुन को श्रीमद्भगवद्गीता का उपदेश दिया था। इसी कारण इस दिन को गीता जयंती के नाम से जाना जना जाता है।

 

मोक्षदा एकादशीः आज के दिन  व्रत रखने से मिलता है मोक्ष, जानें कैसे करें पूजा-पाठ
मोक्षदा एकादशीः आज के दिन व्रत रखने से मिलता है मोक्ष, जानें कैसे करें पूजा-पाठ

इसे भी पढ़ेंःछठ पूजाः सूर्यदेव की उपासना का महापर्व एक कठिन तपस्या,जानें कैसे करते हैं व्रत

हिन्दू धर्म में मान्यता है कि आज के दिन यानी कि मोक्षदा एकादशी को ब्रत करने मोक्ष मिलता है। गौर करें कि मोक्षदा एकादशी आज मंगलवार शाम 7:57 बजे से शुरू होगी और 19 दिसंबर 2018 की शाम 7:35 बजे पर समाप्त होगी। हिंदू धर्म के मुताबिक मोक्ष प्राप्त किए बिना मनुष्य को बार-बार इस संसार में आना पड़ता है। मोक्ष पाने की इच्छा वाले प्राणियों के लिए मोक्षदा एकादशी व्रत रखने से यह इच्छा पूरी हो जाती है! मालूम हो कि इस दिन भगवान विष्णु की आराधना की जाती है।

मोक्षदा एकादशी पर सुबह स्नान आदि से निवृत्त होकर पूरे घर में गंगाजल का डालकर शुद्धि करते हैं। भगवान विष्णु की आराधना करके सुख और शांति प्राप्त की जाती है। इस व्रत में पूजा शामग्री में तुलसी के पत्तों का महत्वपूर्ण स्थान है।आज व्रतियों को रात्रि में भगवान श्रीहरि का भजन-कीर्तन करना चाहिए। द्वादशी के दिन ब्राह्मणों को भोजन खिलाएं और दक्षिणा दें। परिवार के साथ उपवास को खोलना समाप्त करना अच्छा माना जाता है।

इसे भी पढ़ेंःकरवा चौथ व्रत के लाभ,पूजा विधि और जानें कब है सही मुहूर्त..

मोक्षदा एकादशी से एक दिन पहले दशमी के दिन सात्विक भोजन लेना बेहद जरूरी होता है। सोने से पहले भगवान विष्णु का ध्यान करना चाहिए।आपको बता दें कि आज मार्गशीर्ष शुक्ल एकादशी है।आज के दिन ही कुरुक्षेत्र में भगवान श्रीकृष्ण ने अर्जुन को श्रीमद्भगवद्गीता का उपदेश सुनाया था। इसलिए यह तिथि गीता जयंती के नाम से भी जानी जाती है। इस दिन से गीता-पाठ का करना शुरू करें और प्रतिदिन गीता पढ़ें ईश्वर की कृपा बनी रहेगी कभी अमंगल नहीं होगा।

मोक्षदा एकादशी व्रत इस लिए हैं महत्वपूर्ण

पौराणिक मान्यता है कि मोक्षदा एकादशी का व्रत बहुत शुभ होता है।
आज के दिन भगवान विष्णु की पूजा-पाठ और कीर्तन करने से पापों का नाश होता है।
व्रती के जीवन की बाधाएं दूर होती है, प्रगति का मार्ग प्रशस्त होता है।
व्रत को करने से व्यक्ति को मानसिक और भौतिक सुख की प्राप्ति होती है।
शास्त्रों के मुताबिक मोक्षदा एकादशी के दिन पापों को नष्ट करने और पितरों के को स्वर्ग द्वार मिले।
इसलिए भगवान कृष्ण की तुलसी की मंजरी और धूप-दीप से पूजा की जाती है।
आज के दिन गीता पढ़ने का विशेष फल मिलता है।

महेश कुमार यादव

Related posts

Breaking News

हिंदी सिनेमा जगत में स्वाधीनता पर बनी बड़ी फिल्में, जिसने कराया आजादी से रुबरू

mohini kushwaha

कैन्ट विधायक सत्यप्रकाश अग्रवाल ने किया मेरठ दक्षिण की मोदी-योगी रसोई का निरीक्षण

Rani Naqvi