नई दिल्ली। अयोध्या प्रकरण में आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने अपनी चुप्पी तोड़ते हुए कहा कि राम मंदिर के निर्माण में बहुत देरी से न्याय मिला। गौरतलब है कि पिछले कई वर्षों से देश का प्रमुख मुद्दा बन चुका अयोध्या प्रकरण का अब पटाक्षेप हो गया है।
सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई ने फैसला सुनाते हुए विवादित जमीन को रामलला को समर्पित कर दिया है, वहीं पर मुस्लिम पक्षकारों के लिए केंद्र अथवा राज्य सरकार से जमीन देने की बात कही है। सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश ने यह भी कहा है कि केंद्र सरकार तीन महीने के भीतर ट्रस्ट का निर्माण कर मंदिर निर्माण की भूमिका बनाये।
भागवत ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले को हार जीत के रूप में ना देखा जाए। भागवत ने कहा कि आरएसएस सुप्रीम कोर्ट के फैसले का स्वागत करता है। कोर्ट में सभी पहलुओं पर विचार हुआ है, हमें झगड़ा विवाद समाप्त करना है, अयोध्या की सीमा के अंदर ही मस्जिद बनाए जाने के सवाल पर भागवत ने कहा कि जमीन हमें नहीं देनी है सरकार को देनी है।
हम कुछ नहीं चाहते कि मस्जिद की जमीन कहां मिले. हम सिर्फ मंदिर चाहते हैं वो हमें मिल गया है। काशी और मथुरा के विवाद पर भागवत ने कहा कि संघ किसी कार्य को नहीं करता है।