नई दिल्ली। जमीयत उलेमा-ए-हिंद के अध्यक्ष मौलाना अरशद मदनी ने बीते शुक्रवार को दिल्ली में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रमुख मोहन भागवत से मुलाकात की है। यह मुलाकात दिल्ली के झंडेवालान स्थित संघ कार्यालय ‘केशव कुंज’ में हुई। इस दौरान मौलाना अरशद मदनी ने संघ प्रमुख भागवत से मौजूदा हालत पर चर्चा की। उन्होंने कहा कि संघ मुस्लिमों को लेकर अपना नजरिया बदले और सिर्फ बयानबाजी नहीं बल्कि जमीन पर उतरकर काम करे।
बता दें कि मोदी सरकार के दोबारा सत्ता में आने और मौजूदा समय में संघ की बढ़ी ताकत के बीच इस मुलाकात के कई मायने निकाले जा रहे हैं। यह बैठक करीब डेढ़ घंटे चली। जानकार सूत्रों ने मीडिया को बताया कि मदनी राष्ट्रीय जनमंच की पहल पर आरएसएस हेडक्वॉर्टर पहुंचे थे। यह एक फोरम है जो राष्ट्रीय एकता को बढ़ावा देने के लिए काम करता है। सूत्रों के मुताबिक, हिंदू-मुस्लिम एकता के लिहाज से बैठक काफी अहम मानी जा रही है।
वहीं दोनों पक्ष विचार-विमर्श से सहमत नजर आए। बीजेपी के पूर्व जनरल सेक्रेटरी (संगठन) और अब आरएसएस में वापस लौटे रामलाल से बातचीत जारी रखने को कहा गया है। साथ ही जिन मुद्दों पर बैठक में चर्चा हुई है, उन्हें आगे ले जाने का निर्देश दिया गया है। दोनों हस्तियों के बीच मुलाकात ऐसे वक्त पर हुई है, जब भारत और पाकिस्तान के बीच अनुच्छेद 370 हटाए जाने को लेकर विवाद चरम पर है। साथ ही संसद ने ट्रिपल तलाक को हटाने पर भी मुहर लगा दी है। हाल ही में मदनी ने जमात वर्किंग कमिटी में सरकार से मांग की थी कि वह मॉब लिंचिंग से जुड़े मामलों के लिए विशेष कानून लाए। मदनी ने सांप्रदायिक माहौल और मॉब लिंचिंग की घटनाओं पर चिंता जताई थी।