नोएडा। बीजेपी ने 2019 लोकसभा चुनाव के दौरान चर्चा में रहे दो सबसे बड़े मुद्दों रोजगार और कृषि क्षेत्र पर फोकस करने का फैसला किया है। इसकी तैयारी शुरू कर दी गई है। केंद्र सरकार अब देश भर में मैन्युफैक्चरिंग उद्योग को ज्यादा बढ़ावा देगी।
इसमें एमएसएमई क्लस्टरों को बढ़ावा दिया जाएगा। इनसे ज्यादा से ज्यादा लोगों को रोजगार मिल सकेगा। इन सभी मुद्दों पर एनबीटी ने एमएसएमई की टास्क फोर्स के सदस्य बीजेपी के राष्ट्रीय प्रवक्ता (आर्थिक मामले) गोपाल कृष्ण अग्रवाल से बातचीत की। उन्होंने संकेत दिया है कि आने वाले दिनों में नई सरकार मध्यम वर्ग को आयकर के स्लैब में राहत देगी। तीन लाख के न्यूनतम स्लैब को पांच लाख किया जा सकता है।
सवाल: पीएम नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में दूसरी पारी शुरू हो रही है। नई सरकार के सामने आर्थिक चुनौतियां क्या हैं?
जवाब : नई सरकार के सामने सबसे बड़ी चुनौती ज्यादा से ज्यादा रोजगार के अवसर उपलब्ध कराना और कृषि के क्षेत्र में निर्भर लोगों की आय में बढ़ोतरी करने की है। इसके लिए अब मैन्युफैक्चरिंग क्षेत्र को प्राथमिकता दी जाएगी। इसमें छोटे उद्योग (एमएसएमई) सेक्टर से ज्यादा लोग न केवल अपनी छोटी इकाइयां स्थापित कर सकेंगे बल्कि उनके साथ काफी लोग रोजगार पा सकेंगे। इनमें स्टील, सीमेंट के साथ-साथ डिफेंस उत्पाद को भी छोटी इकाइयों के लिए खोला जाएगा।
सवाल: किसानों की आमदनी बढ़ाने के लिए क्या विचार चल रहा है?
जवाब: कृषि के क्षेत्र में आय बढ़ाने का लक्ष्य पहले से ही सरकार के एजेंडे में है। इसकी वजह यह है कि देश की 60 प्रतिशत आबादी कृषि पर निर्भर है। किसान की फसल का ज्यादा से ज्यादा दाम मिले इसके लिए केंद्र सरकार कृषि उत्पाद की तय आयात -निर्यात नीति में बदलाव करेगी। निजी क्षेत्र के निवेश से देश भर में जरूरत के अनुसार वेयर हाउस खोले जाएंगे। इसके अलावा किसान की फसल की इनपुट लागत कम करेंगे। एमएसपी हम पहले ही बढ़ा चुके हैं।
सवाल: आने वाले दिनों में आयकर के स्लैब में भी बदलाव की चर्चा चल रही है, यह क्या है?
जवाब: सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि चुनाव से पहले सरकार ने नए बजट में पांच लाख तक की आय को कर से मुक्त कर दिया था। इसमें कुछ बदलाव किया जा सकता है। अभी तक पांच लाख से अधिक आय होने पर स्लैब तीन लाख से शुरू होने का प्रावधान है। इस छूट को सभी के लिए पांच लाख तक किया जा सकता है।
सवाल: क्या कॉरपोरेट सेक्टर को भी राहत के आसार हैं?
जवाब: सबसे पहले तो कॉरपोरेट टैक्स की दर को कम करने पर विचार किया जा रहा है। यह अब 30 प्रतिशत से घटाकर 25 प्रतिशत किया जा सकता है। इसके साथ ही छूट व निवेश की जटिलताओं को कम किया जा सकता है।
सवाल: अब ऑनलाइन ट्रेडिंग से छोटे व्यापारी व कारोबारियों पर असर पड़ा है, इसका समाधान क्या है?
जवाब: ऑनलाइन ट्रेडिंग को लेकर ई-कॉमर्स पॉलिसी बनाई गई है। इसमें छोटे व्यापारियों व कारोबारियों के हित का ध्यान रखा जा रहा है। ऑनलाइन ट्रेडिंग के प्लेटफार्म का दुरुपयोग नहीं होने देंगे।
-नवभारत टाइम्स से साभार
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