featured देश

मोदी के दृष्टिकोण, वर्ष 2022 तक किसानों की आमदनी दोगुनी करने में ‘आईएफएस’ होगा सहायक

मोदी के दृष्टिकोण, वर्ष 2022 तक किसानों की आमदनी दोगुनी करने में 'आईएफएस' होगा सहायक

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के वर्ष 2022 तक किसानों की आमदनी दोगुनी करने के दृष्टिकोण को सफल बनाने हेतु वैज्ञानिक ढंग से निरूपित एवं यथानुकूल समेकित कृषि प्रणाली ‘आईएफएस’ को प्रोत्साहन दिया जा रहा है।

 

मोदी के दृष्टिकोण, वर्ष 2022 तक किसानों की आमदनी दोगुनी करने में 'आईएफएस' होगा सहायक
मोदी के दृष्टिकोण, वर्ष 2022 तक किसानों की आमदनी दोगुनी करने में ‘आईएफएस’ होगा सहायक

यह जानकारी केन्द्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री राधामोहन सिंह ने किसानों की सुनिश्चित आजीविका एवं आय में वृद्धि के लिए ”समन्वित कृषि प्रणाली” के विषय पर सत्र के दौरान आयोजित बैठक में दी।

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के दिल को छू गयी हेमा की तिरंगे से मोहब्बत!
बैठक में कृषि और किसान कल्याण मंत्रालय से संबंधित संसदीय सलाहकार समिति के सदस्य, सरकारी अधिकारी और भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद ”आईसीएआर” के वैज्ञानिक शामिल हुए।
उन्होंने बताया कि समेकित कृषि प्रणाली को प्राकृतिक एवं उददेश्यपूर्ण समेकित प्रणालियों में वर्गीकृत किया जा सकता हैं ।

प्राकृतिक समेकित कृषि किसानों द्धारा अपनाई जाने वाली वह पद्धति हैं ।जिसमें प्रणाली के विभिन्न घटकों में प्रायः तालमेल नहीं होता हैं ।
अतः उददेश्यपूर्ण समेंकित कृषि प्रणाली के अंतर्गत बहुउददेशीय जैसे उत्पादन में वृद्धि, लाभ, पुनर्चक्रण द्धारा लागत में कमी, पारिवारिक पोषण, टिकाऊपन, पारिस्थितिकीय सुरक्षा, रोजगार सृजन, आर्थिक क्षमता एवं सामाजिक समरसता का ख्याल रखा जाता हैं ।

इमरान खान का बड़ा बयान नरेन्द्र मोदी पाकिस्तान से अच्छे रिश्ते नही चाहते

कृषि मंत्री ने कहा कि देश की विदेशों से आयातित खाद्यान्न पर निर्भरता खत्म करने हेतु अधिक उपज देने वाली प्रजातियों का विकास कर तथा उर्वरकों द्धारा उत्पादन बढ़ाकर देश के खाद्यान्न आवश्यकता की पूर्ति की गई है।
आपको बता दें कि उर्वरक उपयोग क्षमता कम होने के कारण उत्पादकता कम हुई है।

10 वर्षो की अवधि के दौरान किसानों की आय में फसलोत्पादन द्धारा वृद्धि का योगदान महज एक प्रतिशत रहा

उर्वरक उपयोग क्षमता कम होने के कारण उत्पादकता कम हुई है। परिणाम स्वरूप किसानों की आमदनी घटती गई। मंत्री ने बताया कि भारतीय संसद में प्रस्तुत वर्ष 2017-18 के आर्थिक सर्वेक्षण से पता चलता है, कि पिछले 10 वर्षो की अवधि के दौरान किसानों की आय में फसलोत्पादन द्धारा वृद्धि का योगदान महज एक प्रतिशत रहा जबकि पशुधन का योगदान सात प्रतिशत रहा है।

महेश कुमार यदुवंशी

Related posts

ममता बनर्जी बोलीं भाजपा अपना रही दोहरा चरित्र, सोनभद्र में प्रियंका के साथ ज्यादती

bharatkhabar

कश्मीर में 40वें दिन भी कर्फ्यू जारी

bharatkhabar

सृजन घोटाले में मेरे सगे भाई बहन भी हो तो पुलिस और सीबीआई करें कार्रवाई: सुशील मोदी

Rani Naqvi