पटना। बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री और मौजूदा समय में बिहार विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने उपमुख्यमंत्री सुशील मोदी पर तगड़ा हमला बोला है। तेजस्वी ने ताबडतोड़ हमला करते हुए सुशील मोदी को चैलेंज देते हुए कहा कि पूर्वी भारत में झूठ और भ्रम फहलाने वाले अब क्यों चुप हैं। क्या ये तरीका बस राज्य की उपमुख्यमंत्री की कुर्सी हासिल करने तक के लिए ही था। क्या कुमार की अंतर आत्मा इस षड्यंत्र में अपनी भूमिक से इनकार कर पाएगी। तेजस्वी ने ये सावल नई जांच को लेकर निकले तथ्यों को लेकर पूछे हैं। तेजस्वी ने कहा कि मीडिया घराना ये सब नहीं चलाएगा की पूर्वी भारत के सबसे बड़े झूठे सुशील मोदी हैं, जिन्हे 750 करोड़ रुपये की प्रॉपर्टी कहा जाता था। केंद्र सरकार कह रही है कि वो मात्र 45 की है।
उन्होंने कहा कि बाद में केंद्र सरकार कहेगी की कानून के पास कोई सबूत नहीं है। इस तरह के झूठे, मनगढंत व जनादेश को तार-तार करने वाले नेता को बिहार की जनता कभी माफ नहीं करेगी। उन्होंने कहा कि सरकार बनाने के लिए सुशील ने झूठ का सहारा लेकर गरीब गुरबा की आवाज बुलंद करने वाली हमारी पार्टी को षड्यंत्र रचकर सत्ता से दूर कर दिया। तेजस्वी ने कहा कि सुशील मोदी चोर दरवाजे से घूसकर राज्य के उपमुख्यमंत्री बने है। 700 करोड़ की सम्पति बता सनसनी फैलाने वाले सुशाील के झूठ का पर्दाफाश हो गया है क्योंकि“जेबी सरकारी एजेन्सी” ने मात्र इसे 45 करोड़ का बताया है जो क़ानूनन कुछ गलत नहीं है।
सवालिया लहजे में तेजस्वी ने कहा कि आप जज है क्या? इतने ही ज्ञानवान है तो बताओ आपके भाई और उनके काले धंधे करने वाले गिरोह को कानूनी सज़ा कब मिलेगी? आप तो 750 करोड़ की ज़मीन बता रहे थे पर आपकी तोता छाप एजेन्सी कह रही है वह 45 करोड़ की है। जांच एजेन्सी ने आपके झूठ के मुँह पर करारा तमाचा जड़ा है। पर आप ठहरे पूर्वी भारत के सबसे बड़े झूठ के ठेकेदार। इसलिए आप शर्म से परे सोचते है। तेजस्वी यादव ने जांच एजेंसी द्वारा उन पर लगाए गए आरोप के बाद जो कार्यवाही की उन से निकले तथ्यों को लेकर उप मुख्यमंत्री सुशील मोदी और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को आड़े हाथों लिया है सीधे तौर पर तेजस्वी ने कहा कि दोनों ने मिलकर कांग्रेस और राष्ट्रीय जनता दल के साथ बनी महागठबंधन के पक्ष में बिहार की जनता ने जो जनादेश दिया था उसे ध्वस्त कर अनैतिक गठबंधन सत्ता पर ला बिठाया।